Premanand maharaj ke Satsang – राधा रानी के परम भक्त वृन्दावन के श्री प्रेमानंद महाराज हर समय राधा रानी का गुणगान करने रहते हैं साथ ही राधा रानी के नाम का सत्संग भी करते हैं. सोशल मीडिया पर उनके सत्संग के सारे विडियो हैं जिसमें उन्होंने कई सारी बातें बताई है और इस बीच श्री प्रेमानंद महाराज भूत को लेकर एक कहानी बताई है और ये कहानी है जब महाराज जी ने भूत देखा था. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको महाराज जी के भूत देखने वाले किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं.
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जब महाराज को नजर आई थी प्रेत आत्मा
अपने सत्संत (Premanand Ji ke Satsang) के दौरान श्री प्रेमानंद महाराज ने बताया कि एक दिन जब वो सुबह के समय शौच के लिए निकले तब उन्होंने देखा कि गांव के बाहर के नववधु लोटा लिए शौच के लिए जा रही थी और महाराज उसे देखने के बाद वहां खड़े हो गए क्योंकि वो उस नववधु जहां जा रही है उस विपरीत दिशा में जाना चाहते थे लेकिन फिर उन्होंने देखा तो वो वहीं खड़ी हो गयी जिसके बाद महाराज जी ने रफ़्तार बढ़ा ली लेकिन उन्हें एहसास हुआ वो नववधु उसने दूर आगे की ओर चल रही हैं.
महाराज जी को एहसास हुआ कि अभी तक ये नववधु मेरे कुछ ही दुरी पर थी लेकिन अचानक से आगे चली गयी है. पहले महाराज जी को लगा ये भ्रम है और वो चल दिए लेकिन बढ़ में देखा कि वो नववधु उनके विपरीत दिशा में खड़ी है जिसके बाद विपरीत महाराज जी को पक्का यकींन हो गया कि ये नववधु नहीं कोई आत्मा है ज्सिके बाद महाराज जी ने जोर से भगवान का नामा का उच्चारण किया और सब भय आदि खत्म हो गया.
भूत दिखने पर करें भगवान के नाम का जप
इसी के साथ महाराज जी (Premanand maharaj ke Satsang) ने एक और किस्सा बताया कि क बार वो खंडहर में जाकर रह रहे थे इस दौरान उन्हें वह पर आभास हुआ कि कोई है इसके कुछ समय बाद उन्हें एहसास हुआ कि कोई उन्हें दबाने की कोशिश कर रहा है जीके बाद उन्होएँ भगवान नाम का उच्च्गर किया उअर वापस अशर्म में चले आए लेकिन महराज ने कहा कि उन्हें कोई भी भय नहीं लगा बस भगवान का उच्चार किया और सब शांत हो गया. वहीं महराज जी कहते हैं जब भी ऐसा कोई एहसास हो या आपको भूत आदि दिखे तो भगवान के नाम जपों आपका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता है.
देश-विदेश में हैं प्रेमानंद जी के भक्त
आपको बता दें, महाराज प्रेमानंद जी के दर्शन करने के लिए उनके भक्त देश-विदेश से वृंदावन आते है और उनका बहुत सम्मान भी करते हैं. उन्होंने अपना जीवन राधा रानी की भक्ति सेवा के लिए समर्पित कर दिया. महाराज प्रेमानंद जी सुबह 2 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा उसके बाद संकीर्तन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी के दर्शन और परिक्रमा जरुर करते हैं. साथ ही वो सत्संग भी करते हैं कहा जाता है कि जो भी श्री प्रेमानंद महाराज जी का सत्संग सुनता हैं उन्हें राधारानी के दर्शन होते हैं.
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