मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन ब्रह्मचारी नहीं हूं. ये बात एक कार्यक्रम के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी ने कही थी और इस बात कई सारे मायने भी निकाले गए क्योंकि तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी को भी प्यार हुआ था लेकिन इस प्रेम कहानी के बारे में ज्यादा लोगों को नही पता. वहीं इस पोस्ट के जरिए हम आपको अटल बिहारी वाजपेयी की परें कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं.
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कॉलेज में शुरू हुई अटल की प्रेम कहानी
अटल की प्रेम कहानी तब शुरू हुई जब वो नौजवान थे और ग्वालियर के एक कॉलेज में पढ़ रहे थे. इस कॉलेज का नाम विक्टोरिया कॉलेज था जो अब बदल के महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज हो गया है. इस कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वाजपेयी की मुलाक़ात एक लड़की से हुई जिसका नाम राजकुमारी हक्सर था और अटला को राजकुमारी से प्यार हो गया. वहीं इन दोनों का प्यार परवान चढा. अटल बिहारी वाजपेयी के एक और जीवनीकार किंगशुक नाग अपनी क़िताब ‘अटल बिहारी वाजपेयी द मैन फ़ॉर ऑल सीज़न्स’ में लिखते हैं, “युवा अटल ने राजकुमारी के लिए लाइब्रेरी की एक क़िताब में एक प्रेम पत्र रख दिया था. लेकिन उन्हें उसका जवाब नहीं मिला. दरअसल राजकुमारी ने उस पत्र का जवाब दिया था लेकिन वो पत्र वाजपेयी तक नहीं पहुंच सका.”
वहीं अटल और राजकुमारी के प्यार की बात घरवालों को पता चली तब उन्होंने इस रिश्ते पर आपत्ति जताई. राजकुमारी हक्सर के घरवालों को एक बड़े घर की बेटी का सामान्य से लड़के से प्रेम करना पसंद नहीं आया और ये दोनों अलग हो गए. वहीं इसके बाद राजकुमारी हक्सर की शादी दिल्ली के रामजस कॉलेज में दर्शन शास्त्र पढ़ाने वाले ब्रज नारायण कौल से कर दी गई लेकिन दिल्ली में इस परें कहानी को एक नया रूप मिला.
दिल्ली में फिर मिले अटल और राजकुमारी
साल 1957 ग्वालियर के कॉलेज में पढ़ने वाले नौजवान अटल बिहारी वाजपेयी बलरामपुर से सांसद बनाकर दिल्ली आये और इस दौरान दिल्ली में उनकी मुलाकात राजकुमारी हक्सर जो राजकुमारी कौल बन गयी थी उनसे हुई. दरअसल, अटल को रामजस कॉलेज में भाषण देने के लिए बुलाया गया, यहां उनकी मुलाकात प्रोफेसर बृजनारायण कौल और उनकी पत्नी राजकुमारी कॉल से हुई. राजकुमारी से यह मुलाकात 16 साल बाद हुई और यहाँ से अधूरी प्रेम कहानी को एक नयी डगर मिली. 16 साल एक बाद हुई मुलाकात के बाद अटल की काले रंग की एंबेसडर गाड़ी प्रोफेसर कौल के घर के बाहर देखी जाने लगी और अटल बिहारी वाजपेयी और कौल परिवार के बीच अच्छे संबंध बन गए. इसके बाद जब वाजपयी को दिल्ली में बड़ा बंगाला मिला तब जब कौल दंपती वाजपेयी के घर में रहने लगे.
राजकुमारी ने किया अटल और अपने रिश्ते का खुलासा
वहीँ राजकुमारी कौल द्वारा इस इंटरव्यू के दौरान जब उनसे वाजपेयी के साथ रिश्ते के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैंने और अटल ने इस रिश्ते को लेकर सफाई देने की जरूरत महसूस नहीं की. मेरे और मेरे पति के बीच का विश्वास बहुत मजबूत है.’ SS को राजकुमारी कौल और वाजपेयी के रिश्ते से आपत्ति थी. वाजपेयी को कई नेताओं ने राजकुमारी को छोड़ देने या उनसे शादी करने की सलाह दी. वाजपेयी ने दोनों ही बातें नहीं मानीं.
वहीं राजकुमारी कौल का 2014 में निधन हो गया, मगर अटल उनकी अंतिम यात्रा में शामिल न हो सके, क्योंकि वो साल 2009 से ही गंभीर रूप से बीमार थे. राजकुमारी कौल के जाने के साथ ही अटल की प्रेम कहानी का नत हो गया लेकिन इस प्रेम कहानी का जिक्र तब हुआ जब अटल जी का निधन हुआ.
राजकुमारी की बेटी ने दी अटल को मुखाग्नि
साल 2018 में अटल जी निधन हो गया और नमिता भारद्वाज ने अटल जी को मुखाग्नि दी जो राजकुमारी कौल की ही बेटी हैं और इस दौरान अटल की प्रेमकहानी का जिक्र हुआ. 2 मई 2014 को राजकुमारी कौल के निधन के बाद वाजपेयी के आवास की ओर से जारी विज्ञप्ति में भी उन्हें ‘परिवार का सदस्य’ कहा गया था. बीएन कौल के निधन के बाद उनकी दोनों बेटियों को अटल जी ने गोद ले लिया था.
तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने वाजपेयी
आपको बता दें, अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं. सबसे पहले 1996 में 13 दिनों के लिए वह प्रधानमंत्री बने थे. बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने. सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए. 13 अक्टूबर 1999 को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने. इस बार उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया.
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