किसी भी देश को मजबूत उसका कानून बनाता है। इसी तरह भारत में भी कई कानून बनाए गए हैं। जिसमें छोटे से लेकर बड़े अपराधों के लिए कानून बनाए गए हैं। आज हम इन्हीं कानूनों में से एक धारा 24 के बारे में बात करने जा रहे हैं। इस धारा में चोरी से लेकर बेईमानी तक सभी आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 24 एक ऐसे अपराध को समझाती है, जिसका संबंध फायदे और नुकसान से है। तो आइए जानते हैं कि आईपीसी की धारा 24 क्या है?
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धारा 24 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 24 के अनुसार जो भी कोई किसी एक व्यक्ति को गलत तरीके से लाभ पहुँचाने या अन्य व्यक्ति को गलत तरीके से हानि पहुँचाने के आशय से कोई कार्य करता है, वह उस कार्य का बेईमानी से किया जाना कहलाता है।
धारा 24 का संबंध बेईमानी (Dishonestly) से है। इस धारा को समझने के लिए हमें सबसे पहले आईपीसी की धारा 23 को समझना होगा।
आईपीसी की धारा 23
भारतीय दंड संहिता की धारा 23 सदोष अभिलाभ संपत्ति से है। जिसमें सदोष अभिलाभ विधिविरुद्ध साधनों द्वारा ऐसी सम्पत्ति का अभिलाभ है, जिसे प्राप्त करने वाला व्यक्ति वैध रूप से उसका हकदार न हो।
उदाहरण के लिए, यह समझिए कि आपके घर में कोई बहुमूल्य वस्तु रखी हुई है और कोई आकर आपसे बिना पूछे वह बहुमूल्य वस्तु अपने पास रख लेता है। ऐसी स्थितियों का वर्णन धारा 23 में किया गया है। ऐसे में जब मूल्यवान वस्तु लेने वाले को तो फायदा हो गया लेकिन जिसकी वस्तु चोरी हुई है उसे नुकसान हो गया, ऐसी स्थिति में हम धारा 24 का प्रयोग करते हैं।
धारा 24 में सजा
धारा 24 के तहत किये गये अपराध के अनुसार सज़ा दी जाती है। अगर अपराध छोटा है तो आपको 1 से 2 महीने तक की सज़ा हो सकती है। लेकिन अगर अपराध बढ़ा है तो आपको 3 से 7 साल की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
धारा 24 में जमानत को लेकर भी बात की गयी है। इसके अनुसार, जमानती अपराध वह है जिसे पहली अनुसूची में जमानती अपराध के रूप में दिखाया गया है। दूसरा गैर जमानती। जो अपराध जमानती हैं उनमें आरोपी की जमानत स्वीकार करना पुलिस अधिकारी और न्यायालय का कर्तव्य है।
क्या है भारतीय दंड संहिता
भारतीय दंड संहिता भारत के किसी भी नागरिक द्वारा किए गए विशिष्ट अपराधों को निर्दिष्ट और दंडित करती है। आपको बता दें कि यह बात भारतीय सेना पर लागू नहीं होती है। पहले जम्मू-कश्मीर में भारतीय दंड संहिता लागू नहीं होती थी। हालांकि, धारा 370 ख़त्म होने के बाद आईपीसी वहाँ भी लागू हो गया। पहले वहां रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) लागू होती थी।