“उन्होंने मेरी उम्र कम से कम 10 साल और बढ़ा दी” ये वाक्य बाबा साहेब ने एक महिला की तारीफ करते हुए अपनी किताब ‘द बुद्धा एंड हिज धम्मा’ की भूमिका में लिखा में लिखा था. यह वहीं महिला है जिसपर अंबेडकरवादियों ने बाबा साहेब की हत्या का आरोप लगाया था. ये महिला कोई ओर नहीं बल्कि बाबा साहेब की दूसरी पत्नी सविता अम्बेडकर थी. जो एक ब्राह्मण थी, जिनकी शादी से न केवल बाबा साहेब के परिवार वाले बल्कि अंबेडकरवादी भी नाखुश थे. इनकी शादी के बाद भी लोगों ने सविता अम्बेडकर का जीना मुस्किल कर दिया था तो सोचा बाबा साहेब के जाने के बाद उनके साथ क्या हुआ होगा.
दोस्तों आईए आज हम आपको बताएंगे की डॉ. अंबेडकर के निधन के बाद उनकी पत्नी सविता माई का जीवन कैसा बीता
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सविता माई का जीवन
डॉ. सविता अंबेडकर का जन्म महाराष्ट्र के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. वो डॉक्टर थीं, वह बाबा साहेब की दूसरी पत्नी थी, जब बाबा साहेब और सविता का विवाह हुआ तब बाबा साहेब के परिवार वालों से साथ अम्बेडकरवादी भी इस शादी से खुश नहीं थे. क्योंकी वह एक ब्राह्मण की लडकी थी.
शादी के बाद सविता पर लगे ये इल्जाम
इसके साथ ही शादी के बाद बहुत सारे लोगों को शिकायत रहने लगी थी की बाबा साहेब अब लोगों से कम मिलते है, उनसे मिलना मुश्किल हो गया है. लोग कहते थे की सविता खुद तय करती हैं कि कौन उनसे मिलेगा और कौन नहीं. और सविता की ब्राह्मण जाति भी बाबा साहेब के लोगों की नाराज़गी का करण बनी. लेकिन बाद में बहुत सारी किताबे लिखी गई जिनमें लिखा था की सविता बाई ने उनकी पत्नी के साथ डॉक्टर की भी जिम्मेदारी निभाई थी.
बाबा साहबे निधन के बाद सविता माई का जीवन
जब बाबा साहेब का निधन हुआ, 06 दिसंबर 1956 को बाबा साहेब और उनकी पत्नी सविता दिल्ली में थे, दरअसल 5 दिसंबर को दिन में सब कुछ सही था, बाबा साहेब कुछ लोगों से मिले रोज की तरह खाना खाया, फिर उन्हें सिरदर्द की शिकायत हुई, जिसके बाद वह अपने पसंद के गाने चला कर सो गए सुबह वो बिस्तर में मृत थे. इस निधन के बाद बाबा साहेब के लोग उसकी पत्नी को उनकी हत्या का आरोपी मानते है.
बाबा साहेब की मृत्यु के बाद अंबेडकरवादियों ने सविता पर आरोप लगाएं और उनकी हत्या की जाँच की मांग की, जाँच में उनकी पत्नी सविता को क्लीन चिट मिली. लेकिन अंबेडकरवादियों को फिर भी लगता रहा व्ही दोषी है, इसके साथ ही सविता के पास कई बार कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा सदस्यता का ऑफर भी मिला लेकिन सविता ने मना कर दिया.
जिसके बाद सविता अकेली दिल्ली में ही एक फॉर्म हाउस में रहने लगीं. क्योंकी बाबा साहेब के परिवार के साथ तो उनके रिश्ते हमेशा से तनाव भरे थे. ऊपर से उसके परिवार ने सविता के ऊपर बाबा साहेब के निधन को लेकर लापरवाही का आरोप लगाया गया था. लेकिन बाबा साहेब की डेथ नेचुरल थी.