आप यह जानकर चौक जाएंगे कि जिस इन्सान में हमारे देश के लिए संविधान का निर्माण लिया… दलितों और पिछड़े वर्ग के लिए पूरा जीवन संघर्ष किया… उसके बारे में कोई भी जानकारी भारत सरकार के पास नहीं है. सुनने में ये बात झूठ लगती है लेकिन यह बात बिलकुल सच है. भारत सरकार के पास इस बात की जानकारी नहीं है कि हमारे देश के संविधान निर्माता बाबा साहेब की मौत कैसे हुई थी, उनकी मौत कब हुई थी, साथ ही उनका मृत्यु प्रमाण पत्र तक हमारी सरकार के पास नहीं है.
आईए आज हम आपको बाबा साहेब के हमारी सरकार में महत्व के बारे में बताएंगे, की हमारी सरकार को बाबा साहेब की कितनी जानकारी है.
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सरकार को नहीं पता कि अंबेडकर की मौत कैसे हुई
हम आपको बता दें कि जब भारतीय सरकार से आरटीआई के जरिये बाबा साहेब के मौत का रिकॉर्ड माँगा गया, जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने जवाब दिया की प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीआई एक्ट के तहत दायर किये आवेदन के बारे में केंद्र सरकार के दो मंत्रालयों और अंबेडकर की मौत से जुड़ी कोई भी जानकारी नहीं है. साथ ही एक मंत्रालय के जन सूचना अधिकारी ने यह भी कहा है कि आरटीआई के जरिये मांगी गयी जानकारी किस विभाग से सम्बंधित है.
जिसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता आरएच बंसल ने राष्ट्रपति सचिवालय में आवेदन करके पुछा था कि बाबा साहेब अंबेडकर की मौत कहाँ और कैसे हुई थी? साथ ही पूछ कि अंबेडकर की मौत के बाद उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया था या नहीं और अगर पोस्टमार्टम किया गया है तो उसकी रिपोर्ट भी भेजी जाए. आरटीआई कार्यकर्ता ने राष्ट्रपति सचिवालय ये भी पुछा की बाबा साहेब की मौत नेचुरल डेथ है या उनकी हत्या की गई थी?
राष्ट्रपति सचिवालय ने यही आवेदन गृह मंत्रालय में भेज दिया था. जिस पर गृह मंत्रालय ने जवाब दिया कि बाबा साहेब की मृत्यु और सम्बंधित चीजों के बारे में मांगी गई कोई जानकारी मंत्रालय के पास नहीं है. ध्यान देने की बात यह है कि भारतीय सरकार के पास बाबा साहेब अम्बेडकर की मौत का कोई भी रिकॉर्ड नहीं है. बाबा साहेब जिनकी गिनती हमारे देश के महान पुरुषों में की जाती है, उनके बारे में हमारी सरकार के पास र्कोई भी जानकारी नहीं है.
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