Fatty Liver disease: फैटी लिवर की समस्या आजकल बहुत आम हो गई है और लोग अक्सर यही सोचते हैं कि इसका संबंध सिर्फ शराब पीने से है। लेकिन सच तो यह है कि शराब के अलावा भी कई और कारण हैं जो फैटी लिवर का कारण बन सकते हैं। यह NAFLD (non-alcoholic fatty liver disease) का सबसे आम कारण है। जब आपके शरीर में बहुत अधिक वसा होती है, तो यह आपके लिवर में जमा हो सकती है। तो चलिए आपको शराब के अलावा तीन मुख्य कारण के बारे में बताते है।
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शराब के अलावा फैटी लिवर के ये 3 आम कारण
- अनहेल्दी डाइट और मोटापा – हाई कैलोरी, हाई फैट और शुगर से भरपूर खाना (जैसे जंक फूड, मीठा, प्रोसेस्ड फूड) शरीर में फैट जमा होने लगता है, खासकर पेट के आसपास, जिससे लिवर पर फैट चढ़ने लगता है।
- डायबिटीज और इंसुलिन रेजिस्टेंस – टाइप 2 डायबिटीज या प्री-डायबिटिक कंडीशन में इंसुलिन सही तरीके से काम नहीं करता। इससे शरीर में फैट मेटाबोलिज्म (Fat Metabolism) बिगड़ जाता है और फैट लिवर में जमा होने लगता है।
- शारीरिक गतिविधि की कमी (Sedentary Lifestyle) – जो लोग दिनभर बैठकर काम करते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते, उनमें लिवर में फैट (Liver Fat) जमने की संभावना ज्यादा होती है। मेटाबॉलिज्म (Metabolism) स्लो हो जाता है और शरीर फैट को प्रोसेस नहीं कर पाता।
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फैटी लिवर को सुधारने के आसान उपाय
लीवर को ठीक करने के लिए सबसे आसान उपाय, आपके पास मौजूद सामग्री जैसे हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, खाद्य पदार्थ (जैसे एवोकाडो, नट्स) से भी अपनाया जा सकता है। चीनी और रिफाइंड कार्ब्स से बचें और सस्ते और नियमित खरीदें। हर दिन कम से कम 30 मिनट टहलें या कोई प्यास बुझाने वाली गतिविधि करें। वजन नियंत्रण माप वजन घटाने से लिवर पर वसा कम होती है। शराब और धूम्रपान से दूरी बनाए रखें। स्वास्थ्य जांच करवाएं, ताकि लिवर की स्थिति पर नज़र रखी जा सके।
यह ध्यान देना आवश्यक है कि फैटी लिवर आमतौर पर प्रारंभिक चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं प्रकट करता। इसलिए, यदि आप मोटापे, टाइप 2 मधुमेह या अन्य जोखिम तत्वों का सामना कर रहे हैं, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। वे आपके लिए परीक्षण कर सकते हैं ताकि यह पता चल सके कि क्या आपको फैटी लिवर है और इसके प्रबंधन के लिए उचित दिशा-निर्देश प्रदान कर सकते हैं।