मिशन शिक्षण संवाद- शिक्षा संवाद को लेकर एक बार फिर वाराणसी के काशी से अमृता सिंह ने एक कार्यक्रम के द्वारा संबोधित किया। इस दौरान अमृता सिंह ने नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया। इस दौरान इस संवाद में कई नारियों ने अपने जीवन संघर्ष के बारे में बताया और महिलाओं को हार ना मानने को लेकर बढ़ावा दिया।
दिल्ली पुलिस की ACP सुरिंदर जीत कौर ने इस मौके पर अपने जीवन का संघर्ष बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में उनके पिता कॉन्सटेबल थे और उनके परिवार ने उन्हें पंजाब में पढ़ाई के लिए भेज दिया। सुरिंदर जीत कौर ने लैंप की रोशनी में पढ़ाई की। उन्होंने पंजाब बोर्ड को पास करने के लिए कड़ी मेहनत की जिसके बाद उन्होंने टॉप किया। इसके बाद सुरिंदर जीत को केवल पुलिस में ही जॉब करनी थी। क्योंकि उनके हिसाब से पुलिस की वर्दी पहनना उनके लिए गर्व की बात थी। हालांकि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वे पुलिस में भर्ती हो। इसके बावजूद अपनी मां के सपोर्ट से वे पुलिस बनी। सुरिंदर जीत ने कहा कि पुलिस बनना ही मेरी जिंदगी का मकसद था औऱ वो मैंने बनकर दिखाया।
उनकी इस फर्श से अर्श तक की कहानी को अन्य महिलाओं ने भी सुना। इसके साथ ही उनकी मेहनत, लगन और काबिलियत को सलाम किया। उनका कहना था कि उनकी काबिलियत की तारीफ के लिए कोई शब्द नहीं है। उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला जो कि हर नारी को अपने जीवन में ये तय कर लेना चाहिए कि अगर हम ठान ले तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है।
बता दें कि महिलाओं ने मिशन शिक्षा संवाद को लेकर कहा कि इससे जुड़ कर बहुत ही ज्यादा मोटिवेटिंग चीज सीखने को मिलती है। साथ ही अपने जीवन में और अच्छा से अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है।