भारतीय गणितज्ञ नीना गुप्ता को Affine algebraic geometry और Commutative algebra में उनके शानदार काम के लिए विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों के लिए 2021 डीएसटी-आईसीटीपी-आईएमयू रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कोलकाता के भारतीय सांख्यिकी संस्थान में नीना गणितज्ञ प्रोफेसर है । इस पुरस्कार को पाने वाली वो तीसरी महिला बनीं। रामानुजन पुरस्कार पहली बार 2005 में दिया गया था।
हर साल सर्वश्रेष्ठ गणितज्ञ को पुरस्कार दिया जाता है। हालांकि अवॉर्ड देने के लिए कुछ नियम भी है। रामानुजन पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन लोगों को दिया जाता है, जिनकी उम्र 45 वर्ष से कम हो और जिन्होंने गणित के क्षेत्र में नई पहचान बनाने के लिए हो। ये अवॉर्ड संयुक्त रूप से अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थ्योरेटिकल फिजिक्स (ICTP) और भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (DST) और इंटरनेशनल मैथमेटिकल यूनियन (IMU) की तरफ से दिया जाता है।
नीना गुप्ता इससे पहले शांति स्वरूप भटनागर प्राइज फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी से भी सम्मानित की जा चुकी हैं। उन्हें ये पुरस्कार 2019 में मिला था। इसके अलावा 2014 में नीना गुप्ता को अलजेब्रिक जियोमेट्रो के फील्ड में Zariski cancellation problem को सॉल्व करने के लिए नेशनल साइंट अकेडमी की तरफ से यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से नवाजा गया।
नीना गुप्ता ने साल 2006 में कोलकाता के बेथ्यून कॉलेज से गणित ऑनर्स के साथ ग्रेजुएशन की। इसके बाद नीना गुप्ता ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान से Postgraduation की पढ़ाई पूरी की। फिर उन्होंने algebraic geometry में PHD की। साल 2014 में नीना गुप्ता का Zariski’s की Cancellation Problem पर पहला शोध पत्र प्रकाशित हुआ था। उनके पेपर को एक अवॉर्ड भी मिला।