उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा ने कमाल किया है। छात्रा शिवानी पाल के बनाए गए प्रोजेक्ट का चयन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की इंस्पायर अवॉर्ड प्रतियोगिता में हुआ। शिवानी वाजिदपुर विद्यालय की 7वीं कक्षा में पढ़ती हैं। छात्रा को प्रोजेक्ट के लिए 10 हजार रुपये की पुरस्कार राशि भी मिली है।
शिवानी ने जो प्रोजेक्ट बनाया था वो रॉग साइड रोग डिटेक्टर पर आधारित मॉडल तैयार किया गया था। इस प्रोजेक्ट के लिए ही शिवानी पुरस्कृत किया जाएगा।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि शिवानी वाजिदपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में सातवीं की छात्रा हैं। उनके माता-पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं। शिवानी ने ये जो मॉडल तैयार किया था, वो स्कूल की शिक्षिका शालिनी सीएल के मार्गदर्शन में बनाया था। अवॉर्ड के लिए जिले के 59 विद्यार्थियों का भी सलेक्शन किया गया है, लेकिन इनमें से सिर्फ शिवानी ही सरकारी स्कूल की छात्रा है। बाकी सभी स्टूडेंट प्राइवेट स्कूल से हैं।
BSA ने कहा कि शिवानी प्रभावशाली छात्रा है। ये बेसिक शिक्षा विभाग के लिए बेहद गर्व की बात हैं। संसाधनों के कमी के बावजूद शिवानी ने साबित किया कि बेसिक विभाग के विद्यार्थी भी किसी से कम नहीं है।
उन्होंने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार ने छात्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ये पुरस्कार दिया जाता है। अवॉर्ड का मुख्य उद्देश्य स्कूल के छात्रों को वैज्ञानिक शोध के लिए प्रोत्साहित करना है। जो प्रोजेक्ट जिलास्तर पर चयनित होते है, उन्हों राज्य और फिर राष्ट्रीय स्तर पर भेजा जाता हैं।
वहीं शिवानी जिस गांव वाजिदपुर के उच्च प्राथमिक परिषदीय विद्यालय में पढ़ती हैं, उनकी प्रधानाचार्य मीनू गुप्ता ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर से सिर्फ शिवानी पाल का चयन हुआ है। अन्य चयनित विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों के हैं। उन्होंने बताया कि नोएडा ग्रेटर नोएडा में लापरवाही बरतते हुए वाहन सड़कों पर गलत दिशा में चलते हैं, जिसको लेकर ही शइवानी ने रांग साइड डिटेक्टर (विपरीत दिशा में चलने वाले वाहन की पहचान करना) प्रोजेक्ट बनाया है। जिसको काफी पसंद किया गया, जिसकी वजह से शिवानी के प्रोजेक्ट को चयनित किया गया है। इनाम के रूप में उसे दस हजार रुपये की राशि भी दी गई। वो अपने प्रोजेक्ट को जिला प्रदर्शनी में प्रस्तुति करेगी।