गौतमबुद्ध नगर में अब प्राइवेट स्कूलों की मनमानी बंद होगी। निजी स्कूल शिक्षकों और कर्मचारी को मनमाने तरीके से नौकरी से नहीं निकाल पाएंगे। ऐसा करना उन्हें काफी भारी पड़ सकता है। मान्यता प्राप्त स्कूलों में काम कर रहे शिक्षकों और कर्मचारियों का डेटा स्कूल प्रबंधन को बेसिक शिक्षा विभाग के यू-डायस पोर्टल पर अपलोड करना पड़ेगा। कोरोना महामारी के दौरान बिना वजह और नोटिस के स्कूलों से शिक्षकों और कर्मचारियों को निकालने पर प्रशासन की तरफ से ये फैसला लिया गया है।
इसके बारे में जानकारी देते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र सक्सेना ने बताया कि मान्यता प्राप्त निजी स्कूल, उच्च प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालयों को शिक्षक और कर्मचारियों की सूची विभाग को उपलब्ध कराने के आदेश दे दिए गए हैं। सिर्फ यही नहीं अब स्कूलों में अगर किसी शिक्षक या फिर कर्मचारी की नियुक्ति भी की जाती है, तो इसके लिए पहले विभाग की इजाजत लेनी पड़ेगी। इसके लिए एक तय फॉर्मेट होगा, जिसके तहत स्कूलों को ये जानकारी देनी होगी। आदेश के साथ उसकी ब्यौरा भी संगलन कर भेजा गया है। निजी स्कूलों को विद्यालय का नाम, जिला और विकास खंड का नाम विभाग को देना होगा। साथ ही यू डायस नंबर, विद्यालय का प्रकार, स्कूल की मान्यता तिथि, स्कूल में कार्यरत कर्मचारी, उनकी जन्मतिथि, पदनाम, शैक्षिक योग्यता, स्कूल में नियुक्ति की तिथि जैसी जानकारियां देनी पड़ेगी।
दरअसल, कोरोना काल के दौरान ऐसी कई शिकायतें शिक्षकों-कर्मचारियों की तरफ से कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। स्कूल की तरफ इसके पीछे शिक्षकों के रवैये समेत अलग अलग वजहें बताई जाती थी, जिसकी वजह से प्रबंधन के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई करना मुश्किल हो जाता था। कई स्कूलों की तरफ से ये कहा जाता था कि शिक्षक कर्मियों को उनके यहां काम न करने की वजह से निकाला गया। विभाग के पास पुख्ता जानकारी नहीं होती थी, जिसकी वजह से स्कूलों की यूं मानमानी बढ़ती चली जा रही थी। लेकिन अब विभाग ने फैसला लिया है कि सभी प्राइवेट स्कूलों का डेटा यू डायस पोर्टल पर अपलोड होगा, जिससे बेसिक शिक्षा विभाग इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग कर सकेंगे।