कोरोना काल में जहां अधिकतर गतिविधियों पर ब्रेक लगा हुआ है, ऐसे हालात में कोई भी एग्जाम कराना खतरे से खाली नहीं। इसी को ध्यान में रखते हुए 12वीं की परीक्षा को भी केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया। मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें 12वीं बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया। इसके बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर 12वीं के छात्रों को किस आधार पर रिजल्ट दिया जाएगा? अगर कोई स्टूडेंट अपने रिजल्ट से नाखुश हुआ, तो उसके पास क्या ऑप्शन होंगे? आइए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं…
नाखुश छात्रों के पास ये होगा ऑप्शन
मंगलवार को पीएम मोदी के साथ बैठक में CBSE के अफसरों ने बताया कि 12वीं का रिजल्ट वेल डिफाइंड मानदंडों के मुताबिक समदबद्ध तरीके से तैयार होगा। इसके साथ ही CBSE ने ये भी कहा कि अगर कोई छात्र अपने रिजल्ट से खुश नहीं होता, तो उसके पास एक ऑप्शन ऑफलाइन एग्जाम देने का होगा। हालांकि ऐसा केवल तब ही होगा, जब कोरोना की स्थितियां सामान्य होगीं।
किस आधार पर तैयार किया जाएगा रिजल्ट?
अब तक 12वीं के रिजल्ट को लेकर CBSE ने कोई फाइनल क्राइटीरिया तैयार नहीं किया, लेकिन माना जा रहा है कि जैसे 10वीं के स्टूडेंट को बिना एग्जाम दिए पास करने का फॉर्मूला बनाया गया, उसी तरह 12वीं का रिजल्ट भी तैयार किया जा सकता है। जिसमें 20 नंबर इंटरनल असेसमेंट और 80 नंबर पूरी क्लास के दौरान हुए टेस्ट और पेपर्स मिलाकर दे सकते हैं। हालांकि रिजल्ट का फाइनल फॉर्मूला क्या होगा, इसे जल्द ही जारी किया जा सकता है।
वहीं एग्जाम कैंसिल होने के बाद भी अगर कोई स्टूडेंट पेपर देना चाहता हो तो उसके लिए भी ऑप्शन खुला होगा। हालांकि हालात सामान्य होने के बाद ही एग्जाम की व्यवस्था की जाएगी।
गौरतलब है कि भले ही कोरोना की दूसरी लहर देश में अब धीमी पड़ती हुई नजर आ रही हो, लेकिन हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हुए। वहीं तीसरी लहर का खतरा भी लगातार बना हुआ है। ऐसे में अगर एग्जाम कराएं जाते हैं, तो डर बना रहता। इसकी वजह से ही छात्रों और पैरेंट्स की चिंता लगातार बढ़ी हुई थीं। ये परेशानी तो अब दूर हुई। देखना होगा कि एग्जाम का रिजल्ट किस आधार पर आता है.