स्मार्टफोन कंपनी वीवो इंडिया पर DRI ने घपलेबाजी करने के आरोप में करोड़ों की टैक्स चोरी का पता लगाया है। केंद्रीय जांच एजेंसी राजस्व खुफिया निदेशालय ने कंपनी के प्लांट्स की जांच के बाद यह खुलासा किया है। इसके साथ ही इस बात की जानकारी खुद वित्त मंत्रालय ने दी है।
दरअसल, तीन अगस्त यानी बुधवार को राजस्व आसूचना निदेशालय (DRI) ने स्मार्टफोन कंपनी वीवो इंडिया के तकरीबन 2,217 करोड़ रुपये की सीमा शुल्क चोरी और धोखाधड़ी का पता लगाया है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि जांच के दौरान खुफिया निदेशालय के अधिकारियों ने चीन की वीवो कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की अनुषंगी वीवो इंडिया के संयंत्र की तलाशी ली थी।
छानबीन के दौरान मिले ये सबूत
बयान में कहा गया है कि तलाशी के दौरान अधिकारियों को मोबाइल फोन के निर्माण में उपयोग के लिए आयात किए गए कुछ वस्तुओं के स्पष्टीकरण में जानबूझकर गलत सूचना देने का संकेत देने वाले सबूत मिले है। इस गलत जानकारी के आधार पर वीवो इंडिया ने 2,217 करोड़ रुपये की अनुचित शुल्क छूट लाभ का गलत फायदा उठाया है।
कारण बताओ नोटिस जारी
मंत्रालय के मुताबिक, वीवो इंडिया को जांच पूरी होने के बाद कारण बताओ नोटिस भेज दिया गया है। नोटिस में सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के प्रावधानों के तहत कंपनी को 2,217 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क भरने के लिए कहा गया है।
कस्टम ड्यूडी में धोखाधड़ी करने पर चुकानी पड़ेगी भारी कीमत
इसके अलावा वीवो इंडिया ने अपनी अलग-अलग सीमा शुल्क देनदारी के लिए स्वेच्छा से 60 करोड़ रुपये जमा किये हैं। गौरतलब है कि डीआरआई ने हाल में मोबाइल फोन कंपनी ओप्पो को कुल 4,389 करोड़ रुपये का सीमा शुल्क समेत पूरा पैसा भरने का नोटिस जारी किया है। ऐसे में कस्टम ड्यूटी में धोखाधड़ी करने पर वीवो कंपनी को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
वित्त मंत्री ने राज्यसभा में टैक्स गड़बड़ी पर दी जानकारी
मालूम हो कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मगंलवार को राज्यसभा में चीन की 3 मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों ओप्पो, वीवो और शाओमी द्वारा टैक्स में गड़बड़ी की बात बताई थी। उन्होंने कहा था कि इन कंपनियों के खिलाफ कई केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। इसके अलावा ईडी और आयकर विभाग भी इन कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है। वित्त मंत्री ने कहा था कि वीवो से जुड़ी 18 और कंपनियों के खिलाफ भी जांच जारी है। उन्होंने कहा कि वीवो ने भारत में हुई 1.25 लाख करोड़ रुपये की सेल का एक बड़ा हिस्सा इन 18 कंपनियों के माध्यम से देश से बाहर भेजा है।
ईडी ने हाईकोर्ट में वीवो के खिलाफ दिया बयान
बता दें कि पिछले महीने 25 जुलाई को ईडी ने हाईकोर्ट में वीवो के खिलाफ बयान दिया था। ईडी ने कहा था कि मामला सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि ये देश की वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने और राष्ट्र की अखंडता और संप्रभुता पर भी खतरा पैदा करने की कोशिश है। अदालत में एक हलफनामे में दावा किया गया है कि ईडी के जब्त वीवो के बैंक खातों से पता चलता है कि कंपनी मनी लांड्रिंग से जुड़ा है।