Gautam Adani Business List: भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी ने बहुत ही कम समय में जबरदस्त सफलता हासिल की है और साल 2022 में गौतम अदानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति बनकर उभरे थे। उन्होंने जेफ़ बेज़ोस को पीछे छोड़कर यह मुकाम हासिल किया था। इसके साथ ही उन्होंने भारत में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी (Reliance Industries owner Mukesh Ambani) को भी संपत्ति के मामले में पीछे छोड़ दिया है। अडानी समूह की सफलता की कहानी ने कई लोगों को हैरान कर दिया है और विपक्ष का आरोप है कि अडानी ने साल 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi Government) के समर्थन से ही इतनी तेजी से सफलता हासिल की।
लेकिन साल 2022 में दिए एक खास इंटरव्यू में, गौतम अडानी ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया और अपनी सफलता के पीछे सिर्फ एक व्यक्ति या सरकार का हाथ न होने की बात कही। इंडिया टुडे समूह के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर (पब्लिशिंग) राज चेंगप्पा से बातचीत में अडानी ने साफ कहा कि उनकी सफलता में कई सरकारों का योगदान रहा है और यह कोई एक पक्षीय मामला नहीं है।
अडानी का सफर: राजीव गांधी से लेकर नरेंद्र मोदी तक- Gautam Adani Business List
गौतम अडानी ने बताया कि उनकी कारोबारी यात्रा 1980 के दशक में शुरू हुई, जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री (Rajiv Gandhi Government) थे। अडानी ने इस दौरान एक्जिम पॉलिसी में हुए बदलावों का जिक्र किया, जिसमें कई वस्तुओं को ओपन जनरल लाइसेंस (OGL) सूची में शामिल किया गया। इससे उन्हें निर्यात कारोबार शुरू करने में मदद मिली। अडानी ने माना कि अगर राजीव गांधी सरकार के आर्थिक सुधार और नीतिगत समर्थन नहीं होते, तो उनका स्टार्ट-अप इतना सफल नहीं हो पाता।
1991 में आर्थिक सुधारों का दौर: नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह का योगदान
अडानी ने 1991 में हुए आर्थिक सुधारों का भी उल्लेख किया, जब प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव (Prime Minister Narasimha Rao) और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह (Finance Minister Manmohan Singh) ने लिबरलाइजेशन के तहत कई आर्थिक सुधार लागू किए थे। अडानी ने कहा, “इस दौर में मैंने और मेरे जैसे कई लोगों ने इन सुधारों का फायदा उठाया। यह बदलाव बहुत जरूरी था और इसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था ने नया मोड़ लिया। मैं इस समय के योगदान को कभी नहीं भूल सकता।”
1995 में गुजरात में केशुभाई पटेल की सरकार: अडानी ग्रुप की रफ्तार
गौतम अडानी ने यह भी कहा कि 1995 में गुजरात में केशुभाई पटेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद अडानी ग्रुप को और अधिक अवसर मिले। उन्होंने बताया कि उस समय तक सिर्फ मुंबई-दिल्ली नेशनल हाईवे-8 ही विकसित हुआ था, लेकिन पटेल सरकार के विजन और नीति बदलावों ने गुजरात में बुनियादी ढांचे के विकास को गति दी। अडानी ने कहा, “केशुभाई पटेल की दूरदर्शिता और पॉलिसी बदलावों ने हमें गुजरात में व्यापारिक अवसरों का पूरा लाभ उठाने में मदद की।”
अडानी की सफलता की कहानी: किसी एक व्यक्ति का योगदान नहीं
गौतम अडानी ने यह स्पष्ट किया कि उनकी सफलता के पीछे कोई एक व्यक्ति या सरकार का योगदान नहीं है। उनकी यात्रा में कई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे राजीव गांधी, नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह, और केशुभाई पटेल का योगदान रहा है। अडानी ने इस बात को स्वीकार किया कि उनके लिए इन नेताओं की नीतियां और दूरदर्शिता बेहद महत्वपूर्ण रही, लेकिन उनका खुद का संघर्ष और उनकी मेहनत भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी।
उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह बहुत महत्वपूर्ण था कि मुझे अपनी मेहनत और बिजनेस एथिक्स के साथ लगातार विकास की दिशा में काम करने का मौका मिला। किसी एक सरकार या व्यक्ति का समर्थन एक दिशा दिखा सकता है, लेकिन सफलता प्राप्त करना अकेले मेरे अपने प्रयासों का परिणाम है।”
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