आज हम आपको एक ऐसे बिजनेसमैन की कहानी बताएंगे, जिसे जानकर आपके अंदर का धीरूभाई अंबानी भी जाग उठेगा। दरअसल, आज हम जिस शख्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, वो कभी महज 30 रुपए प्रतिदिन की दिहाड़ी पर काम करता था, आज वो 17000 करोड़ रुपए की कंपनी का मालिक है। हम बात कर रहे हैं पंजाब के धीरूभाई अंबानी” राजिंदर गुप्ता की। राजिंदर गुप्ता को पंजाब का धीरूभाई अंबानी इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कई मुश्किलों का सामना करते हुए एक बहुत बड़ा साम्राज्य खड़ा किया।
कौन हैं राजिंदर गुप्ता
पंजाब के सबसे अमीर लोगों में से एक राजिंदर गुप्ता के पास इस समय 1.55 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। पंजाब बिजनेस स्कूल में उनकी सफलता, संघर्ष को केस स्टडी के तौर पर पढ़ाया जाता है। राजिंदर गुप्ता ट्राइडेंट ग्रुप के प्रमुख और ट्राइडेंट लिमिटेड के कॉर्पोरेट सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष हैं। वे इसकी नींव पर 17,000 करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा करने में सफल रहे। यह कोई आसान कारोबार नहीं था। इस साम्राज्य को खड़ा करने में उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई। अब जो उपलब्धि सामने आई है, उसके पीछे लंबा संघर्ष है।
30 रुपये की दिहाड़ी पर करते थे काम
राजिंदर गुप्ता के परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। उन्हें 14 साल की उम्र में ही स्कूल छोड़ना पड़ा। वह सिर्फ 9वीं तक ही पढ़ पाए। घर चलाने के लिए उन्होंने साल 1980 में सीमेंट पाइप और मोमबत्ती बनाने वाली फैक्ट्रियों में महज 30 रुपये प्रतिदिन पर दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम किया। छोटी-मोटी नौकरियां करने के बाद 80 के दशक में उन्होंने बड़ा कदम उठाया और खुद का कारोबार शुरू करने का फैसला किया। साल 1985 में उन्होंने अभिषेक इंडस्ट्रीज नाम से फर्टिलाइजर कंपनी शुरू की।
कारोबारी सफर की शुरुआत
राजिंदर गुप्ता ने पंजाब में अपनी फैक्ट्री खोलकर एक बड़ा जोखिम उठाया, जब हिंसक दौर चल रहा था और व्यवसाय क्षेत्र से पलायन कर रहे थे। कंपनी ने गति पकड़ी। उन्होंने 1990 में ट्राइटेंड लिमिटेड की स्थापना की। इसके बाद, उन्होंने 1991 में एक कताई मिल बनाने के लिए एक संयुक्त उद्यम की स्थापना की। राजिंदर गुप्ता इस समय कॉर्पोरेट क्षेत्र में प्रमुखता से उभर रहे थे। उनकी कंपनी बढ़ने लगी। अब उन्हें रसायन, कागज और कपड़ा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण व्यवसायी के रूप में जाना जाता है।
कपास से केमिकल तक
राजिंदर गुप्ता ने अपने कारोबार को फैलाते के लिए पंजाब के बाद मध्य प्रदेश का रूख किया। उनकी कंपनी अभी 17000 करोड़ रुपये का कारोबार है। उन्हें पंजाब का धीरूभाई अंबानी कहा जाता है। उन्होंने 2022 में खराब स्वास्थ्य के कारण ट्राइडेंट के निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, वे अभी भी ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन हैं और ट्राइडेंट लिमिटेड के कॉर्पोरेट सलाहकार बोर्ड के चेयरमैन भी हैं। व्यापार और विनिर्माण क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए उन्हें 2007 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। 64 वर्षीय राजिंदर गुप्ता का नाम हाल ही में देश के समृद्ध व्यवसायियों की सूची में शामिल हुआ है। सूची में उनकी व्यक्तिगत कुल संपत्ति 12368 करोड़ रुपये बताई गई है।
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