मैकडोनाल्ड (McDonald’s) ने अपने ही सीईओ स्टीव ईस्टरब्रुक को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उन्हें एक कर्मचारी के साथ रिलेशनशिप के चलते अपनी नौकरी की कुर्बानी देनी पड़ी। रविवार को कंपनी ने ये कहते हुए इस बात की जानकारी दी कि स्टीव ने कंपनी के नियमों का उल्लंघन किया था और ये उनकी पॉलिसी के खिलाफ है। जिस वजह से उन्हें सीईओ और कंपनी के अध्यक्ष पद दोनों से निकाल दिया गया। बता दें कि 52 साल के ईस्टरब्रुक को 2015 में मैकडोनाल्ड का सीईओ बनाया गया था और तब से वो उसी पद पर कार्यरत थे।
बोर्ड ने लगाया गलत फैसले लेने का आरोप
बोर्ड का आरोप है कि उन्होंने अपनी कर्मचारी के साथ संबंध होने के चलते कुछ गलत फैसले लिए। फ़िलहाल ईस्टरब्रुक ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है जिसके बाद उन्होंने बोर्ड के सदस्य पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने कर्मचारियों को ईमेल द्वारा बोर्ड के इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘मैंने गलती की। मैंने कंपनी को हमेशा महत्व दिया लेकिन बोर्ड का फैसला सही है। अब मेरा जाने का वक़्त है।‘
#MeToo कैंपेन के दौरान दिखा था असर
अमेरिका के कॉर्पोरेट सेक्टर में ऐसे कई पहले भी मामले सामने आये हैं जिनके रिलेशनशिप की वजह से नौकरी पर बात बन आई। सोशल मीडिया पर चले #MeToo कैंपेन के दौरान भी इसका असर देखने को मिला था। इस दौरान बड़ी कंपनियों के कर्मचारियों और अधिकारियों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। जून 2018 में इंटेल कॉर्प के सीईओ ब्रायन को भी रिलेशनशिप के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था। अब ईस्टरब्रूक के बाद क्रिस केंपिजिंस्की को मैकडोनाल्ड यूएसए का सीईओ बनाया गया है।
ईस्टरब्रुक के नेतृत्व में कंपनी को हुआ था फायदा
हालांकि ईस्टरब्रुक के कार्यकाल के दौरान कंपनी को काफी फायदा हुआ। साल 2015 के बाद से सीईओ बनते ही कंपनी के स्टॉक डबल हो गए हैं। बता दें कि ईस्टरब्रुक की पढ़ाई यूनिवर्सटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड के बिजनेस स्कूल से हुई थी और इससे पहले उनका तलाक भी हो चुका है। आज नए नवेले सीईओ ने केंपजिंस्की में अपने सन्देश में ईस्टरब्रूप को धन्यवाद दिया। केंपजिंस्की ने कहा कि वो इस्टरब्रुक के कामों को आगे बढ़ाने पर फोकस करेंगे।