आपने मोदी सरकार के द्वारा खोले गए जन औषधि केंद्र के बारे में तो जानते ही होंगे। वो केंद्र जहां जहां से महंगी दवाईयां सस्ते में लोगों को उपलब्ध होती है। जन औषधि केंद्रों पर दवाएं 90 फीसदी तक सस्ती मिलती हैं, क्योंकि ये जेनेरिक दवाएं हैं
लेकिन जन औषधि केंद्र से सिर्फ सस्ती दवाई ही उपलब्ध कराती, बल्कि इसके साथ ये रोजगार के भी अवसर लोगों को देती हैं। कोई भी व्यक्ति अपने शहर, गांव या कस्बे में जन औषधि केंद्र खोलकर खुद का बिजनेस स्टार्ट कर सकते हैं।
दरअसल, मोदी सरकार का ये लक्ष्य है कि वो 2024 मार्च तक देशभर में जन औषधि केंद्र की संख्या बढ़ाकर 10 हजार के पार ले जाए। वहीं 11 जून 2021 तक देश में 7836 केंद्र खोले जा चुके हैं, यानि अभी भी कई लोगों के पास इन केंद्रों को खोलने का मौका है।
सरकार की तरफ से मिलती है पूरी मदद
खास बात तो ये है कि जन औषधि केंद्र को खोलने में सरकार की तरफ से भी पूरी मदद की जाती है, इसलिए इसे खोलना कोई मुश्किल काम नहीं। अगर आप भी कहीं पर जन औषधि केंद्र खोलना चाह रहे हैं, तो इसकी पूरी प्रक्रिया क्या होगी..आइए इसके बारे में आपको आज हम बता देते हैं…
सरकार के द्वारा जन औषधि खोलने की तीन कैटेगिरी बनाई हैं। जिसके मुताबिक…
पहली कैटेगिरी में कोई भी व्यक्ति, फार्मासिस्ट, डॉक्टर या फिर रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर जो बेरोजगार है जन औषधि केंद्र की स्टोर खोल सकते हैं।
इसके अलावा दूसरी कैटेगिरी में ट्रस्ट, NGO, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी सेल्फ हेल्प ग्रुप आते हैं।
वहीं तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की ओर से नॉमिनेटेड एजेंसी।
कितने पैसों की होती है जरूरत?
जन औषधि केंद्र को काफी कम पैसों में खोला जा सकता है। स्टोर को खोलने के लिए ढाई लाख रुपये का खर्चा आता है, लेकिन ये पैसा सरकार की तरफ से ये पूरा पैसा वापस कर दिया जाता है। इसके अलावा दवा बेचने पर 20 फीसदी तक का कमीशन मिलता है। साथ में हर महीने 15 प्रतिशत इंसेंटिव भी आता है। हालांकि इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 10,000 रुपए महीना फिक्स है। नॉर्थ ईस्ट राज्यों और नक्सल प्रभावित जगह में इंसेंटिव की सीमा 15 हजार रुपये है। इंसेंटिव तब तक मिलता है, जब तक ढाई लाख रुपये देने की जो सीमा है, वो पूरी ना हो जाए।
जन औषधि का स्टोर खोलने के लिए आपको एक लाख की दवाईयां खरीदनी होगी। इसके अलावा स्टोर खोलने के लिए फर्नीचर रैक, डेस्ट और फ्रीज से लेकर एक लाख की मदद सरकार की तरफ से की जाती है। साथ में कंप्यूटर सेटअप के लिए 50 हजार की मदद सरकार करती है। इसके अलावा केंद्र खोलने के लिए 120 वर्ग फीट की दुकान आपके पास होनी चाहिए।
कितनी होती है कमाई?
अब आप ये तो जान ही गए होंगे कि जन औषधि केंद्र कहीं भी एक तरह से फ्री में खोला जा सकता है, क्योंकि सरकार की तरफ से किस्तों में पूरा पैसा वापस कर देती हैं। अब बात करते हैं इसकी कमाई की। कमाई पूरी तरह से आप पर ही निर्भर करती है। आपको दवाईयां बेचने पर 20 प्रतिशत कमीशन मिलेगी, तो जितनी ज्यादा आप दवाईयां बेचेंगे, उतनी आपकी कमाई होगी।
कौन खोल सकता है स्टोर?
अगर कोई व्यक्ति दवा की दुकान खोलना चाहता है तो उसके पास डी फार्मा या बी फार्मा की डिग्री होनी चाहिए या फिर उसने किसी डी फार्मा या बी फार्मा डिग्री होल्डर को रोजगार दिया हुआ। इसके अलावा कोई आर्गनाइजेशन या NGO जन औषधि केंद्र खोलना चाहता है तो उसके लिए भी ये जरूरी होता है कि उसने किसी ऐसे व्यक्ति को रोजगार दिया हो, जिसके पास डी फार्मा या बी फार्मा डिग्री हो। वहीं अस्पतालों में भी कोई योग्य NGOs/चैरिटेबल आर्गनाइजेशन जनऔषधि केंद्र खोल सकता है।
कैसे कर सकते हैं आवेदन?
स्टोर खोलने के लिए आपको जन औषधि केंद्र के ही नाम से रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस चाहिए होता है। केंद्र खोलने के लिए आपको फॉर्म जन औषधि केंद्र की वेबसाइट https://janaushadhi.gov.in/ से मिलेगा। यहां आपको दो ऑप्शन दिखेंगे, एक ऑनलाइन फॉर्म के और दूसरे ऑफलाइन।
अगर आप ऑनलाइन फॉर्म पर क्लिक करें तो नया पेज खुलेगा, जहां आपको आईडी बनानी पड़ेगी। फिर आवेदन में मांगी गई जानकारियां भरनी होगी। जब आपका आवेदन स्वीकार हो जाएगा, तो इसके बारे में सूचित किया जाएगा। वहीं अगर आपको इसका स्टेटस जानना है तो वेबसाइट पर आईडी, पासवर्ड डालकर वो भी जान सकते हैं।
वहीं अगर आप ऑफलाइन फॉर्म भरना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको वेबसाइट से फॉर्म की PDF डाउनलोड करनी होगी। फॉर्म भरकर डॉक्यूमेंट के साथ आप इसे बताए गए एड्रेस पर भेज सकते हैं।