घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने केंद्र सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे चीन को झटका लग सकता है। स्थानीय उत्पादकों को सस्ते आयात से बचाने के लिए केंद्र का ये फैसला अहम साबित हो सकता है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 चीनी सामानों पर पांच साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क लगा दिया । इसको लेकर केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने अधिसूचना जारी की।
इसके तहत एल्यूमीनियम के कुछ फ्लैट रोल्ड उत्पादों, सोडियम हाइड्रोसल्फाइट, सिलिकान सीलेंट, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन कंपोनेंट आर-32 और हाइड्रोफ्लोरोकार्बन मिश्रण पर शुल्क लगाया गया । केंद्र सरकार की तरफ से शुल्क वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) की सिफारिशों के बाद लगाए गए। दरअसल, DGTR ने अपनी जांच में ये पाया कि भारतीय बाजारों में इन उत्पादों को सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप डंपिंग हुई।
DGTR ने कहा कि डंपिंग से घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ । CBIC ने घरेलू उत्पादकों को सस्ते चीनी आयात से बचाने के लिए सीकेडी/एसकेडी में ट्रेलरों के लिए एक व्हीकल कंपोनेंट-एक्सल पर भी एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई गई । इस तरह ही ईरान, ओमान, सऊदी अरब और यूएई से कैलक्लाइंड जिप्सम पाउडर के आयात पर भी 5 साल के लिए शुल्क लगाया गया ।
घरेलू उद्योग को समान अवसर देने करने के लिए डंपिंग रोधी उपाय किए जाते हैं। भारत और चीन दोनों ही जेनेवा के विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य हैं। अप्रैल-सितंबर 2021 के दौरान चीन को भारत का निर्यात 12.26 अरब डॉलर था, जबकि आयात 42.33 अरब डॉलर था। इससे 30.07 अरब डॉलर का व्यापार नुकसान हुआ।