Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पूरी तरह से तैयार हो रही हैं 1 फरवरी, 2022 को अपने चौथे केंद्रीय बजट पेश करने के लिए। बजट 2022 (Budget 2022) हर किसी के लिए बड़ी उम्मीदें लेकर आ रहा है। जिसमें कृषि, स्वास्थ्य और रीयल इस्टेट और तमाम तरह के उद्योग, उद्यमी साथ ही वेतनभोगियों के लिए कुछ न कुछ फिटारा खुल सकता है। उम्मीद है कि वेतनभोगियों के लिए इस बार कर छूट की सीमा बढ़ाई जा सके कि कई वर्षों तक समान रही है। पांच राज्यों में चुनाव होने वाले है तो ऐसा करना भारत में वेतनभोगी पेशेवरों के मतदान पर भी असर डाल सकती है।
टैक्स छूट की सीमा संबंधी उम्मीद
पिछले आठ वर्षों से वर्तमान में 2.5 लाख रुपये पर सीमा को संशोधित नहीं किया गया है। तब 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये सीमा को किया गया। अब करदाता इसको बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग पर अड़े हैं। वैसे उम्मीद है कि इसे 3 लाख रुपये कर दी जा सकती है।
80सी के तहत छूट की सीमा
धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये की फिलहाल छूट की अनुमति है। इसे 1 लाख रुपये से बढ़ाकर वर्तमान सीमा साल 2014 में किया गया। वेतनभोगी पेशेवरों की कर बचत रणनीति के लिए ये अहम है। जानकार मानते हैं कि आने वाले बजट में यह सीमा बढ़कर 2 लाख रुपये की जा सकती है।
3 साल की लॉक-इन अवधि के साथ टैक्स फ्री फिक्स्ड डिपॉजिट
इंडियन बैंक एसोसिएशन की तरफ से मांग रखी गयी है कि 5 साल से घटाकर 3 साल टैक्स-फ्री FD की लॉक-इन अवधि की जाए. बैंकों ने भी ब्याज दरों में कटौती की है. पीपीएफ पर ब्याज दरें वर्तमान में एफडी की तुलना में बेहतर हैं, जिससे ऑप्शन में कम निवेश होता है। बजाय इसके म्यूचुअल फंड और स्टॉक में ज्यादा होता है। कम अवधि में FD को अट्रैक्टिव बनाया जा सकता है