पंजाब की लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी आज भारत की टॉप प्राइवेट यूनिवर्सिटी में से एक है। लगभग 600 एकड़ में फैली इस यूनिवर्सिटी में 50 से अधिक देशों के छात्र पढ़ते हैं। हालांकि, इस यूनिवर्सिटी को खोलने की शुरुआत 500 रुपये के लोन से हुई थी। दरअसल, यूनिवर्सिटी के चांसलर अशोक मित्तल के पिता बलदेव राज मित्तल ने 500 रुपये के लोन की मदद से एक मिठाई की दुकान खोली थी। जैसे-जैसे इस दुकान का काम आगे बढ़ा, अशोक मित्तल ने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की सह-स्थापना की, जो अब 800 करोड़ रुपये से अधिक का ब्रांड बन गया है।
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अशोक मित्तल का प्रारंभिक जीवन
खबरों की मानें तो भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद अशोक मित्तल का परिवार जालंधर में बस गया था। अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए, अशोक के पिता स्वर्गीय बलदेव राज मित्तल ने 500 रुपये का कर्ज लिया और 1961 में जालंधर छावनी क्षेत्र में एक मिठाई की दुकान खोली। इसका नाम लवली स्वीट हाउस रखा। बाद में बलदेव राज मित्तल के दो बड़े बेटे रमेश और नरेश मित्तल ने अपने पिता का व्यवसाय संभाला। कुछ ही समय में लवली स्वीट हाउस मशहूर हो गया। 1986 में यह जालंधर की सबसे प्रतिष्ठित और सबसे बड़ी मिठाई की दुकान बन गई। 1984 में अशोक भी अपने पिता के बिजनेस में उतर गये। इसी बीच बलदेव राज मित्तल की 2004 में मृत्यु हो गई।
ऑटोमोबाइल सेक्टर में शुरू किया कारोबार
अशोक मित्तल अपने भाइयों में सबसे छोटे थे। उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की। पढ़ाई के साथ-साथ अशोक अपने पिता की मिठाई की दुकान में काम करते थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, अशोक ने 1991 में मोटर इंडस्ट्री में अपना करियर शुरू किया। इस क्षेत्र में किस्मत ने उनका साथ दिया। बमुश्किल पांच साल में उन्होंने मारुति सुजुकी की डीलरशिप भी हासिल कर ली। उनकी कड़ी मेहनत के कारण लवली ऑटो का नाम तेजी से पंजाब की सबसे बड़ी ऑटो डीलरशिप से जुड़ गया। अशोक मित्तल यहीं नहीं रुके। मिठाई और ऑटो डीलरशिप में सफलता प्राप्त करने के बाद, वह शिक्षा की ओर बढ़े। साल 2001 में अशोक ने अपने पिता बलदेव राज मित्तल के संरक्षण में फगवाड़ा में 3.5 एकड़ जमीन लेकर लवली प्रोफेशनल कॉलेज की स्थापना की। 2005 में अशोक मित्तल के लवली कॉलेज को प्राइवेट यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला। अब यह पूरी दुनिया में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है। यहां अब करीब 50 देशों के 40 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं। अब इस प्राइवेट यूनिवर्सिटी का विस्तार 600 एकड़ तक हो गया है। यहां 3600 से ज्यादा शिक्षक पढ़ाते हैं। लवली ग्रुप का सालाना टर्नओवर करीब 850 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।