Ambedkar and Savita Love story in Hindi – बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जो महार जाति में पैदा हुए थे और इस वजह से बाबा साहेब को जाति का लेकर भेदभाव झेलना पड़ा क्योंकि महार जाति को अछूत समझा जाता था और इस भेदभाव को खत्म करने के लिए बाबा साहेब ने खूब पढाई की. बाबा साहेब ने जहाँ अपने परिवार को एकतरफ़ा कर ऊंच-नीच, भेदभाव और छुआछूत जैसे कार्यों के लिए खुद को समर्पित कर दिया था तो वहीं इस बीच बाबा साहेब का अपनी पत्नी को लेकर गुस्से वाला प्यार भी नजर आया और ये किस्सा उनकी दूसरी पत्नी सविता अंबेडकर से जुड़ा हुआ है.
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बाबा साहेब ने की थी ब्राह्मण लड़की से शादी
1906 में बाबा साहेब की शादी रमाबाई से हुई थी और दोनों के 5 बच्चे थे जिनमें से केवल यशवंत अंबेडकर जीवित रहे. तो वहीं 27 मई 1935 को लंबी बीमारी के बाद रमाबाई की भी मौत हो गई.ये अ\के ऐसा समय था जब बाबा साहेब ने दूसरी शादी के बारे में सोचा भी नहीं था लेकिन स्वास्थ्य को लेकर आने वाली परेशनियों के दौरान वो इलाज के लिए वह बंबई गए. जहाँ डॉक्टर सविता से उनकी नजदीकियां बढ़ीं और उन्होंने सविता के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा. वो जब मान गईं तो 1948 को दिल्ली स्थित अंबेडकर के आवास में ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाली सविता अंबेडकर से शादी की.
अंबेडकर पत्नी को ले जाना चाहते थे संसद
जहाँ अंबेडकर की दूसरी पत्नी सविता अंबेडकर की किताब में बाबा साहेब को लेकर कई घटनाओं का जिक्र है तो उनमे से एक बाबा साहिब का गुस्से वाला प्यार की घटना का भी जिक्र है. इस घटना को सविता ने अपनी किताब माध्यम से बताया कि एक अंबेडकर ने उन्हें अपने साथ संसद चलने को कहा और वो जब साड़ी पह तैयार होकर बाबा साहेब के सामने गयी तब वे नाराज हो गए.
साड़ी की वजह से नाराज हो गए थे बाबा साहेब
वहीं अंबेडकर ने अपनी पत्नी को कहा कि संसद आने की कोई जरूरत नहीं और वे अकेले चले गए और इस दौरान उन्हें बाबा साहेब की नज़रों में गुसे वाला प्यार नजर आया और उन्हें एहसास हुआ कि बाबा साहेब को उनकी साडी पसदं नहीं आई जिसके बाद सविता ने अंबेडकर के ड्राइवर को संकेत किया कि साहब को संसद छोड़कर लौट आना, क्योंकि उन्हें भी संसद जाना है और अंबेडकर को संसद छोड़ने के बाद ड्राइवर लेने आ गया और बाद में ड्राइवर ने सविता को ससंद पहुंचा दिया.
बाबा साहेब का गुस्से वाला प्यार – Ambedkar and Savita Love story
संसद पहुंचने के बाद बाबा साहेब की पत्नी संसद की गैलरी में जाकर नियत स्थान पर बैठ गईं. वहीं जब बाबा साहेब कि नजर अपनी पत्नी सविता पड़ी तो उन्होंने देखा कि सविता उनकी पसंद वाली साड़ी पहनकर संसद पहुंची हैं और ये देखकर अंबेडकर की नाराजगी दूर हो गई और इसी नाराजगी को सविता ने मेरे साहिब का गुस्से वाला प्यार बताया था.
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