Niti Aayog report: भारत में ऑटोमोबाइल उद्योग में 2030 तक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा, जिसे बढ़ती हुई सुरक्षा सुविधाओं, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), और स्मार्ट प्रौद्योगिकियों की बढ़ती मांग के कारण आकार मिलेगा। NITI आयोग द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार, एडल्ट ड्राइवर-असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) की उपयोगिता तेजी से बढ़ेगी। 2020 में नए बेचे गए वाहनों में 42 प्रतिशत वाहनों में ADAS था, लेकिन अब यह संख्या 2030 तक 90 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि, “ADAS का उपयोग 2020 में 42 प्रतिशत से बढ़कर 2030 तक 90 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है, जो सुरक्षा सुविधाओं की मांग और नियामक आवश्यकताओं द्वारा प्रेरित है।”
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स्वचालित ड्राइविंग तकनीक का तेजी से विकास- Niti Aayog report
रिपोर्ट के अनुसार, स्वचालित या ऑटोनोमस ड्राइविंग तकनीकों का भी तेजी से विकास हो रहा है। 2020 में ऐसे वाहनों का प्रतिशत 1 प्रतिशत से भी कम था, लेकिन अब यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि 2030 तक 30 प्रतिशत से अधिक वाहन स्वचालित ड्राइविंग क्षमता से लैस होंगे। इससे उच्च-तकनीकी घटकों जैसे सेंसर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), और शक्तिशाली कंप्यूटिंग सिस्टम की मांग में वृद्धि होगी।
सॉफ़्टवेयर का बढ़ता हुआ महत्व
अब वाहन निर्माता सॉफ़्टवेयर की भूमिका पर भी अधिक ध्यान देंगे। वर्तमान में, एक कार के कुल मूल्य का लगभग 2 प्रतिशत सॉफ़्टवेयर पर खर्च होता है, लेकिन यह हिस्सा 2030 तक बढ़कर 4-5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। वाहनों के अधिक जुड़े होने और ओवर-द-एयर अपडेट्स प्राप्त करने के कारण ऑटोमोटिव सॉफ़्टवेयर का बाजार 80 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इससे निर्माता को सॉफ़्टवेयर के विकास और अपडेट्स के क्षेत्र में नई संभावनाओं को तलाशने का अवसर मिलेगा।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के निर्माण में भी बदलाव हो रहा है। EV-विशिष्ट पुर्जे जैसे इलेक्ट्रिक मोटर्स, लिथियम-आयन बैटरी और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स कार के कुल मूल्य का लगभग आधा हिस्सा बन सकते हैं। NITI आयोग ने कहा, “ऑटोमोबाइल उद्योग को इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बदलाव से काफी फायदा होगा, क्योंकि EV-विशिष्ट पुर्जे कार के कुल मूल्य का लगभग आधा हिस्सा बनाने का अनुमान है।” इस बदलाव से निर्माताओं को उत्पादन और नवाचार के स्तर पर नई रणनीतियां अपनानी होंगी।
प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ सहयोग की आवश्यकता
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भविष्य की मोबिलिटी के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ सहयोग करना अत्यंत आवश्यक होगा। जो ऑटोमोबाइल निर्माता तेजी से सॉफ़्टवेयर, स्वचालन और इलेक्ट्रिफिकेशन को अपनाएंगे, वे अगले दशक में ऑटोमोटिव उद्योग की क्रांति में सबसे अधिक लाभ उठाने में सक्षम होंगे।