Kia Car Engine Stolen: आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पेनकोंडा के पास स्थित किआ मोटर्स की कार निर्माण फैक्ट्री में पिछले पांच सालों में करीब 900 इंजन चोरी हो गए हैं। यह गंभीर मामला तब सामने आया, जब किआ मोटर्स ने मार्च 2024 में पूरे साल का ऑडिट किया और अचानक इंजन की गुमशुदगी का खुलासा हुआ। अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है और कई सवालों का समाधान ढूंढने की कोशिश कर रही है।
चोरी का खुलासा कैसे हुआ? (Kia Car Engine Stolen)
किआ मोटर्स के पेनकोंडा प्लांट में हुए इस चौंकाने वाले घटनाक्रम की शुरुआत मार्च 2024 में हुई, जब कंपनी ने अपने सालाना ऑडिट के दौरान इंजन की चोरी का पता लगाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, किआ मोटर्स शुरुआत में पुलिस से बिना शिकायत के मामले की जांच करवाना चाहती थी, लेकिन पुलिस ने साफ कह दिया कि बिना औपचारिक शिकायत के कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसके बाद, 19 मार्च को किआ मोटर्स ने पेनकोंडा इंडस्ट्रियल एस्टेट पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
पुलिस की जांच और किआ मोटर्स की प्रतिक्रिया
किआ मोटर्स के कारखाने का दौरा करने वाले श्री सत्य साईं जिले के एसपी वी. रत्ना ने बताया कि मामले की जांच के लिए तीन विशेष टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें महत्वपूर्ण जानकारी एकत्रित करने के लिए पूरे देश में जा रही हैं। इस मामले में पेनकोंडा के डीएसपी वाई. वेंकटेश्वरुलु भी शामिल हैं। उनकी प्रारंभिक जांच से पता चला है कि चोरी 2020 में शुरू हुई थी और पिछले पांच सालों में 900 इंजन चुराए गए हैं। इस योजना के तहत यह चोरी पूरी तरह से अंदरूनी हाथों का काम प्रतीत हो रहा है। पुलिस को शक है कि किआ मोटर्स के कुछ पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों ने मिलकर इस चोरी को अंजाम दिया है।
चोरी का तरीका और कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था
शुरुआत में पुलिस को शक था कि इंजन तमिलनाडु से पेनकोंडा के किआ मोटर्स प्लांट में आने के दौरान चोरी हुए होंगे, लेकिन जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि सारे इंजन प्लांट के अंदर ही चोरी हुए थे। इसके साथ ही, चोरों ने रिकॉर्ड में भी हेरफेर किया था, जिससे मामले को छिपाने की कोशिश की गई। हालांकि, किआ मोटर्स ने इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, लेकिन कंपनी ने यह कहा कि इंजन चोरी से उनके उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है।
उत्पादन पर कोई असर नहीं
किआ मोटर्स के एक प्रतिनिधि ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, “हम हर साल लगभग 3-4 लाख गाड़ियां बनाते हैं, और 900 इंजन चोरी होने के बावजूद उत्पादन में कोई कमी नहीं आई है।” हालांकि, यह घटना कई सवाल खड़े करती है। 900 इंजन का चोरी होना बेहद गंभीर मामला है, और यह सवाल उठता है कि इतने बड़े पैमाने पर चोरी कैसे हो सकती है। क्या कारखाने में सुरक्षा व्यवस्था कमजोर थी? क्या कंपनी के अंदर कुछ लोग चोरी में शामिल थे? और सबसे अहम सवाल यह है कि इंजन चोरी होने के बाद भी कंपनी को इसका पता क्यों नहीं चला?
आगे की जांच और समाधान
पुलिस इस मामले में हर पहलू की जांच कर रही है और चोरों के साथ-साथ कंपनी के अंदर के कर्मचारियों की भूमिका का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है। यह भी एक अहम सवाल है कि कंपनी के ऑडिट सिस्टम में कोई कमी थी या कर्मचारियों ने चोरी को छिपाने की कोशिश की। आने वाले दिनों में इस मामले की जांच के परिणामों से यह स्पष्ट होगा कि इस बड़े पैमाने पर हुई चोरी के पीछे कौन जिम्मेदार है और किआ मोटर्स की सुरक्षा व्यवस्था पर कितना प्रभाव पड़ा है।