Honda and Nissan officially part ways: जापान की दो सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों होंडा मोटर कंपनी और निसान मोटर कंपनी ने आधिकारिक तौर पर अलग होने का फैसला किया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दोनों कंपनियां वैश्विक बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और तकनीकी उन्नति से निपटने के लिए नए तरीके तलाश रही हैं। तीन महीने पहले दोनों कंपनियों के बीच गठबंधन को लेकर काफी चर्चा थी और ऐसा लग रहा था कि यह साझेदारी उन्हें वैश्विक बाजार में नई ताकत देगी। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, यह साफ होता गया कि दोनों कंपनियां कई रणनीतिक और परिचालन मुद्दों पर सहमत नहीं हो पा रही हैं।
और पढ़ें: Vespa 2025 Launch: Piaggio ने लॉन्च की 2025 Vespa 125 और 150 स्कूटर सीरीज, जानें नई खूबियां और कीमत
होंडा और निसान के प्रमुखों की प्रतिक्रियाएँ- Honda and Nissan officially part ways
होंडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तोशीहिरो मिबे ने गुरुवार को इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हालांकि यह परिणाम दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान हमें अपनी साझा ताकतों का बेहतर आकलन करने का अवसर मिला, जिसका उपयोग हम भविष्य की रणनीतिक साझेदारियों में कर सकते हैं।”
निसान के सीईओ मकोतो उचिदा ने अधिक स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि निसान के लिए भविष्य में किसी साझेदारी पर निर्भर हुए बिना जीवित रहना मुश्किल हो सकता है। उन्होंने कहा, “हमें ऐसे साझेदार की जरूरत होगी जो हमें वित्तीय और तकनीकी स्थिरता प्रदान कर सके।” हालांकि, इस समय निसान के लिए नए साझेदार खोजना आसान नहीं होगा।
निसान की वित्तीय चुनौतियाँ और संभावित साझेदार
मैक्वेरी सिक्योरिटीज के विश्लेषक जेम्स होंग के अनुसार, “निसान को किसी बड़े ऑटोमेकर का समर्थन चाहिए, अन्यथा उसकी स्थिति कठिन होती जाएगी।”
निसान और होंडा ने अपने अलगाव की पुष्टि करते हुए औपचारिक रूप से बातचीत समाप्त कर दी है, जिससे दोनों कंपनियां दिसंबर में हस्ताक्षरित समझौते के तहत निर्धारित ¥100 बिलियन ($650 मिलियन) ब्रेकअप शुल्क से बच गईं।
इस निर्णय के बाद, ताइवान की आईफोन निर्माता कंपनी होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी (फॉक्सकॉन) के लिए निसान के साथ संभावित सहयोग के रास्ते खुल गए हैं। फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने कहा कि वे निसान में रेनॉल्ट एसए की 36% हिस्सेदारी खरीदने के लिए तैयार हैं। हालांकि, निसान के सीईओ उचिदा ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी।
निसान के लिए नए दावेदार और वित्तीय संकट
ब्लूमबर्ग न्यूज के अनुसार, केकेआर एंड कंपनी निसान की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए इक्विटी या ऋण निवेश के विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है। निसान पहले से ही नौकरियों में कटौती और उत्पादन लागत कम करने की योजना बना रहा है।
ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के वरिष्ठ विश्लेषक तात्सुओ योशिदा ने कहा, “निसान को एक मजबूत वित्तीय साझेदार की आवश्यकता है।”
क्या चूक गया अवसर?
यदि होंडा और निसान का यह गठबंधन सफल होता, तो यह उन्हें वैश्विक ऑटो उद्योग में टॉप खिलाड़ियों के करीब ले जाता। यह साझेदारी जापान में टोयोटा मोटर कॉर्प के प्रभुत्व को चुनौती देने का भी एक प्रभावी तरीका हो सकती थी।
लेकिन अब अलग होने के बाद, होंडा और निसान वैश्विक उत्पादन के मामले में क्रमशः आठवें और नौवें स्थान पर बने हुए हैं। चीन की गेली ऑटोमोबाइल होल्डिंग्स लिमिटेड जैसी कंपनियां तेजी से आगे बढ़ रही हैं, जिससे जापानी ऑटो निर्माताओं के लिए प्रतिस्पर्धा और कठिन होती जा रही है।
होंडा की स्थिति और भविष्य की योजनाएँ
होंडा अभी भी तुलनात्मक रूप से बेहतर वित्तीय स्थिति में है। गुरुवार को जारी तीसरी तिमाही के परिणामों के अनुसार, कंपनी का अनुमानित परिचालन लाभ ¥1.42 ट्रिलियन रहेगा। इसके अलावा, होंडा अभी भी निसान और मित्सुबिशी मोटर्स के साथ बैटरी, स्वायत्त ड्राइविंग और ईवी तकनीक के क्षेत्रों में अपनी रणनीतिक साझेदारी जारी रखेगा।
निसान के लिए आगे की राह
निसान को अपने पुराने मॉडल लाइनअप को अपडेट करने और नई तकनीकों में निवेश करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से चीन और अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में, जहाँ प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ रही है।