वित्त वर्ष (2024-25) की पहली छमाही में भारत से वाहनों का निर्यात सालाना आधार पर 14 फीसदी (Auto exports jump 14%) बढ़ा है। मुख्य रूप से यात्री वाहनों और दोपहिया वाहनों की खेप बढ़ने से कुल निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और विदेशी बाजारों में बढ़ती मांग का प्रतीक है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (Society of Indian Automobile Manufacturers) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
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25 लाख यूनिट से ज्यादा वाहन हुए निर्यात- Auto exports jump 14%
सियाम (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने अप्रैल से सितंबर तक 25,28,248 वाहनों का निर्यात किया, जो पिछले साल की समान अवधि के 22,11,457 वाहनों से 14% अधिक है। उद्योग के आंकड़ों से पता चलता है कि यात्री कारों, दोपहिया वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों के निर्यात में दोहरे अंकों में वृद्धि हुई है। तिपहिया वाहनों के निर्यात में सालाना 1% की कमी आई है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 18% की गिरावट के विपरीत, इसमें सुधार हुआ है।
3.76 लाख कारें एक्सपोर्ट की गईं
इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच 3,76,679 यूनिट पैसेंजर व्हीकल्स एक्सपोर्ट किए गए, जो सालाना आधार पर 12% की बढ़ोतरी दर्शाता है। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 19,59,145 बाइक और स्कूटर एक्सपोर्ट किए गए। सालाना आधार पर इसमें 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष में इसी अवधि में 16,85,907 यूनिट्स का उत्पादन हुआ था।
मारुति सुजुकी और बजाज एक्सपोर्ट में टॉप पर
आपको बता दें कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने सबसे ज़्यादा गाड़ियों का निर्यात किया है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कंपनी ने 1,47,063 गाड़ियों का निर्यात किया है। हुंडई मोटर्स इंडिया 62,162 यूनिट्स के निर्यात के साथ दूसरे नंबर पर रही। अप्रैल से सितंबर के बीच 7,64,827 यूनिट्स के निर्यात के साथ बजाज ऑटो टू-व्हीलर मार्केट में सबसे आगे रही, उसके बाद टीवीएस का स्थान रहा।
FADA की रिपोर्ट
आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2024-2025 की पहली छमाही के दौरान भारतीय वाहन बाजार में 6.55% की दर से वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में वृद्धि इसका कारण है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार, अप्रैल-सितंबर की अवधि के दौरान दोपहिया, तिपहिया और यात्री कार सेगमेंट की बिक्री में क्रमशः 9.08, 7.58 और 1.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस दौरान ट्रैक्टरों की खुदरा बिक्री में 8.82 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री में 0.65 प्रतिशत की गिरावट आई।
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