Airbag deployment speed: सुरक्षा या खतरा? नवी मुंबई की घटना ने उठाए सवाल

Airbag deployment speed Advantages of Airbags
Source: Google

Airbag deployment speed: सड़क हादसों में एयरबैग को अब तक सबसे महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर माना जाता था, लेकिन नवी मुंबई की हालिया घटना ने इसके दुष्प्रभावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दुर्घटना में, दो कारों की टक्कर के बाद एयरबैग खुलने से छह वर्षीय बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। एयरबैग के अचानक खुलने से बच्चे की गर्दन पर तेज झटका लगा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना उन सभी के लिए चेतावनी है जो बच्चों की कार में सुरक्षित बैठने की सही पोजीशन को नजरअंदाज करते हैं।

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क्या है एयरबैग और कैसे करता है काम? (Airbag deployment speed)

एयरबैग एक विशेष टेक्सटाइल मैटेरियल से बना होता है, जो दुर्घटना के दौरान यात्रियों को गंभीर चोटों से बचाने के लिए तैयार किया जाता है। यह कार में सेफ्टी कुशन की तरह काम करता है। जब गाड़ी किसी चीज़ से टकराती है, तो एयरबैग कंट्रोल यूनिट (ACU) संकेत भेजता है, जिससे नाइट्रोजन गैस तेजी से एयरबैग में भरती है। यह पूरी प्रक्रिया महज 30 से 50 मिलीसेकंड में होती है।

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एयरबैग के फायदे (Advantages of Airbags)

गंभीर दुर्घटनाओं में एयरबैग कई यात्रियों की जान बचाता है। यह चेहरे और सिर पर लगने वाले प्रभाव को कम करता है। साथ ही, एयरबैग के साथ सीट बेल्ट का इस्तेमाल दुर्घटनाओं में चोटों के जोखिम को काफी हद तक कम करता है।

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एयरबैग के नुकसान (Disadvantages of Airbags)

नवी मुंबई की घटना ने दिखाया कि एयरबैग बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है, खासकर अगर वे आगे की सीट पर बैठे हों। तेज झटके के कारण पसलियों और छाती की हड्डियों में फ्रैक्चर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कैसे करें बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित?

9 किग्रा से कम वजन वाले बच्चों को हमेशा ISOFIX चाइल्ड सीट पर बैठाएं। बड़े बच्चों को बूस्टर सीट का उपयोग करके सही पोजिशन में बैठाएं। बच्चों को एयरबैग के सामने न बैठाएं। नवजात बच्चों को हमेशा पीछे की सीट पर रखें। वयस्क भी एयरबैग से कम से कम 10 इंच की दूरी बनाए रखें। बच्चों और व्यस्कों दोनों को सीट बेल्ट सही ढंग से पहननी चाहिए।

एयरबैग से जुड़ी सावधानियां:

  • स्पीड नियंत्रण में रखें: तेज रफ्तार से होने वाली टक्कर से एयरबैग का प्रभाव ज्यादा घातक हो सकता है।
  • सीट बेल्ट पहनें: यह झटके के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
  • सही पोजिशन में बैठें: एयरबैग के नजदीक बैठने से चोट का खतरा बढ़ जाता है।

नवी मुंबई की घटना: अलार्म बेल

यह घटना एक चेतावनी है कि बच्चों को कार में सुरक्षित बैठाने के नियमों का पालन करना कितना जरूरी है। एयरबैग का उद्देश्य सुरक्षा प्रदान करना है, लेकिन अगर इसे सही ढंग से इस्तेमाल न किया जाए, तो यह खतरनाक भी साबित हो सकता है।

एयरबैग एक जीवनरक्षक तकनीक है, लेकिन इसका सही तरीके से इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है। कार में बच्चों को बैठाने के नियमों और सीट बेल्ट के सही इस्तेमाल पर ध्यान देकर ऐसी दुखद घटनाओं से बचा जा सकता है। सुरक्षित ड्राइविंग और उचित सावधानियों से सड़क दुर्घटनाओं में एयरबैग की भूमिका को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।

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