ACMA Growth: ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ऑटो कंपोनेंट उद्योग ने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में शानदार वृद्धि दर्ज की है। उद्योग का बाजार आकार 11.3 प्रतिशत बढ़कर 3.32 लाख करोड़ रुपये (39.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 2.98 लाख करोड़ रुपये (36.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) था।
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प्रमुख वृद्धि क्षेत्र- ACMA Growth
यात्री वाहनों की मांग में वृद्धि: यात्री वाहनों (पीवी) के यूटिलिटी वाहन (यूवी) खंड में 13% की वृद्धि हुई। यूवी1 मॉडल (4000-4400)
मिमी लंबाई और 20 लाख रुपये से कम कीमत) की बिक्री में 25% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
दोपहिया वाहन बाजार में उछाल: 350 सीसी से 500 सीसी इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों की बिक्री में 74% की वृद्धि हुई।
इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता प्रभाव: इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बिक्री में 22% की वृद्धि दर्ज की गई। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (ई-2डब्ल्यू) की बिक्री में 26% वृद्धि हुई, जबकि इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों (ई-पीवी) में 19% की गिरावट रही।
आयात-निर्यात में मजबूती
- निर्यात: 8.7% बढ़कर 93,342 करोड़ रुपये (11.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया।
- आयात: 5.3% बढ़कर 92,050 करोड़ रुपये (11.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंचा।
- व्यापार अधिशेष 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- अमेरिका, जर्मनी, और तुर्की भारतीय ऑटो घटक निर्यात के शीर्ष गंतव्य बने, जबकि आयात के लिए चीन, जर्मनी, जापान और कोरिया प्रमुख स्रोत रहे।
ओईएम और आफ्टरमार्केट सेगमेंट
- ओईएम को आपूर्ति:
- 11.2% बढ़कर 2.83 लाख करोड़ रुपये (33.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गई।
- पिछले वर्ष यह 2.55 लाख करोड़ रुपये (30.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) थी।
- आफ्टरमार्केट सेगमेंट:
- 5% की वृद्धि के साथ 47,416 करोड़ रुपये (5.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) हो गया।
उद्योग के समग्र प्रदर्शन पर नजर
समग्र रूप से भारतीय ऑटो कंपोनेंट उद्योग ने वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में एक मजबूत प्रदर्शन किया। यह वृद्धि न केवल घरेलू मांग में सुधार बल्कि निर्यात में मजबूती और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे नए रुझानों की वजह से संभव हुई।
उद्योग में नए रुझान
- उपभोक्ताओं का बड़े और अधिक शक्तिशाली वाहनों की ओर रुझान।
- इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती स्वीकृति।
- प्रीमियम सेगमेंट में बढ़ती मांग, खासतौर से दोपहिया वाहनों के बीच।
भविष्य की संभावनाएं
इस बढ़ते उद्योग में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग और निर्यात के मजबूत आंकड़े अगले वर्षों में भी सकारात्मक संकेत दे रहे हैं। ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।