आपने एक से एक अजीबों-गरीब चीजों के बारे में सुना व देखा होगा, जिनमें से कुछ चीजें दुनियाभर में अपनी खासियत को लेकर काफी जानी जानती हैं. अगर बात करें किताबों की तो उनका साइज और वजन आमतौर पर उतना ही होता है, जितना एक व्यक्ति उठा सके, लेकिन क्या आपने कभी किसी ऐसी किताब के बार में सुना है जिसके मात्र एक पन्ने को ही बदलने के लिए करीब 6 लोगों की जरूरत पड़ती है? अगर नहीं तो आइए आपको दुनिया की सबसे बड़ी किताब के बारे में बताते हैं, जिसके पन्ने पलटने के लिए 6 लोगों की जरूरत होती है.
दुनिया की सबसे बड़ी किताब का दावा
हम जिस बड़े-बड़े पन्नों वाली किताबों की बात कर रहे हैं उसे उत्तरी हंगरी (Northern Hungary) के छोटे से गांव सिनपेत्री के रहने वाले एक शख्स ने अपने हाथों से बनाया है. 71 वर्षीय बेला वर्गा (Bella varga) का ये दावा है कि उनके हाथ से बनी ये खास खास किताब दुनिया की सबसे बड़ी किताब है.
बाइडिंग तकनीक से बनाई गई है ये किताब
बेला ने इस किताब को बनाने के लिए बाइडिंग तकनीक (Binding Techniques) का इस्तेमाल किया गया है. ये किताब 4.18 मीटर लंबी और 3.77 मीटर चौड़ी है. इस किताब में कुल 346 पेज हैं और इसका वजन 1420 किलोग्राम है. लकड़ी की टेबल और अर्जेटीना से मंगाए गए गाय के चमड़े का इस्तेमाल कर इस किताब को बनाया गया है.
इस बारे में दी गई जानकारी
दुनिया की सबसे बड़ी कहलाई जाने वाली इस किताब में गुफाओं, वातावरण, भूभाग की संरचना से जुड़ी जानकारी दी गई है. बाइडिंग तकनीक से बनने के कारण ये किताब ज्यादा चर्चित है. इस क्षेत्र के बारे में जानकारी देने में ये किताब अन्य किताबों से अलग है.
6 लोग मिलकर पलटते हैं किताब के पेज
ये किताब भारी-भरकम होने के अलाव काफी बड़ी भी है. इसके एक पेज को पलटने के लिए 6 लोगों की जरूर पड़ती है. इतना ही नहीं एक पेज को बदलने के लिए ये लोग एक मशीन का इस्तेमाल करते हैं. इसके साथ ही इसकी एक एक छोटी कॉपी भी तैयार की गई है, जिससे किताब का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book of World Records) में दर्ज किया जा सके. इस छोटी कॉपी वाली किताब का कुल वजन 11 किलोग्राम है. इन दोनों किताबों को एक साथ तैयार किया गया था.
याक की पूंछ से करते हैं किताब की धूल साफ
बेला वर्गा अपनी इस किताब की धूल को साफ करने के लिए याक की पूंछ का प्रयोग करते हैं. याक की इस पूंछ को भूटान के प्रधानमंत्री ने उन्हें भेंट की थी. बता दें कि भूटान के बौद्ध भिक्षु पवित्र किताबों को साफ करने हेतु याक की पूंछ का प्रयोग किया जाता है.