अंडरवियर का इतिहास – अंडरवियर हम सब पहनते हैं. आज कल के समय में अंडरवियर में भी तमाम ऑप्शंस हैं. लोग अपनी सुविधा और पसंद के हिसाब से सेलेक्शन करते हैं और यूज करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर अंडरवियर कितना पुराना है? इसका इतिहास क्या है? इस लेख में आज हम आपको अंडरवियर के बारे में वो बातें बताएंगे, जिसके बारे में शायद आप न जानते हों. दरअसल, अंडरवीयर का चलन हमारी सोच से कहीं ज्यादा पुराना है. हजारों साल पहले से दुनियाभर में लोग अंडरवियर पहनते आ रहे हैं. पुरातन काल में लोग जो अंडरवियर यूज करते थे, वह त्रिभुजाकार (Triangle shape) होती थी. जिसे जूट और कपास के धागे से बने कपड़े से बनाया जाता था. मध्यकाल से इसमें परिवर्तन देखने को मिला और अब आधुनिक अंडरवीयर्स और अंडरगारमेंट का जमाना है.
अंडरवियर का इतिहास – History of Underwear
कहा जाता है कि हजारों साल पहले अंडरवियर वास्तव में 5000 ईसा पूर्व में एक बाहरी वस्त्र के रूप में शुरू हुआ और गुफाओं के पुरुषों और महिलाओं के लिए कमर के चारों ओर लपेटे जाने वाले चमड़े की खाल के एक छोटे टुकड़े के रूप में दिखाई दिया था, जिसे लंगोटी कहा जाता है. यह शारीरिक सुरक्षा के लिए एक बुनियादी आवश्यकता थी, विशेष रूप से दुनिया के ठंडे क्षेत्रों में अपने अंतरंग हिस्सों को संरक्षित करने के लिए प्राचीन मिस्र के फिरौन भी बाहरी वस्त्र के रूप में चमड़े की लंगोटी पहनते थे. ओटजी द आइसमैन, एक ग्लेशियर ममी जो 5300 वर्षों तक बर्फ में संरक्षित थी, उसमें अंडरवियर का पहला संकेत दर्ज किया गया था.
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि मिस्र के राजा टुट को वास्तव में 145 शेंटी यानि लंगोटियों के साथ दफनाया गया था. कहा जा सकता है कि तब राजाओं के पास लंगोटियों का बड़ा संग्रह होता होगा. मिस्र का ये फिरौन सिंहासन पर केवल 9-10 साल रहने के बाद 19 साल की उम्र में मर गया. उसे उसके कुछ कपड़ों के साथ दफनाया गया. वही, कुछ सामान और भी पाया गया था जिसमे पुराने कपड़े, 100 सैंडल, 12 ट्यूनिक्स, 28 ग्लव्स , 25 सिर ढकने वाले कपड़े, 4 शॉक्स और हाथ से बुने हुए लिनन के त्रिकोणीय आकार में 145 लंगोटियां थीं, जिन्हें तब मिस्र में पुरुष और महिलाएं दोनों पहनते थे.
History of Underwear – माना जाता है कि प्राचीन रोमवासियों के पास अंगरखा, टोगा या लबादे के नीचे पहनने के लिए अपने खुद के अंडरगारमेंट्स थे. ये दूसरी शताब्दी के मध्य में पहने जाते थे. उसके बाद सेल्ट्स और जर्मनिक जनजाति के लोग बैगी अंडरशॉर्ट्स पहनते थे जिन्हें ब्राईज़ कहा जाता था. इसके अलवा 19वीं सदी में पैंटालून, पुरुषों और महिलाओं के लिए किसी भी पोशाक का एक हिस्सा बन गया, जो बाहरी कपड़ों के अंदर पहने जाते थे, वो गंदगी और पसीने को सोखकर बाहरी कपड़ों को साफ रखते थे. इसके बाद ही कहीं ज्यादा आधुनिक अंडरवियर और ब्रा डिजाइन हुए.
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पुराने समय में जांघिए
भारत में जांघिए जैसा अंडरवियर 19वीं सदी में ही प्रचलित हुआ लेकिन 1950 और 1960 के दशक में अंडरवियर ऐसे आने लगे जो अंदर पहने जाने वाले अंडरगारमेंट के तौर पर ज्यादा आरामदायक और बेहतर थे. तब इनके रंग और नए तरह के कपड़ों का विकास भी हुआ और आज दुनियाभर में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. मौजूदा समय में अगर हम दुनिया के अंडरगार्मेंट बाजार की बात करें तो साल 2019 में यह 85.96 बिलियन डॉलर था, जो 2023 में बढ़कर 88.32 बिलियन डॉलर का हो गया है. 2031 तक अंडरगार्मेंट्स का मार्केट साइज बढ़कर 141.81 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.
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