दुनियाभर में कई आइलैंड हैं जिनमें से कई तो अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं तो कुछ अपनी एक अलग विशेषता की वजह से पहचाने जाते हैं, लेकिन आज हम आपको जिस एक आइलैंड के बारे में बताने जा रहे हैं वो देखने में जितना खूबसूरत है उससे कई ज्यादा डरावना भी है. इसे मौत का आइलैंड कहने में कोई दो राय नहीं है, तो आइए आपको इस खतरनाक आइलैंड के बारे में विस्तार से बताते हैं…
दरअसल, हम बात कर रहे हैं वेनीसिया झील के उत्तर में स्थित आयरलैंड की. जिसे मौत के आयरलैंड के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि यहां जाने वाला व्यक्ति अपनी मौत को खुद दावत देने की तरह होता है, क्योंकि इस आइलैंड पर जो भी जाता है वो कभी वापस लौटकर नहीं आता है.
बता दें कि इस आइलैंड से जुड़ी एक खौफनाक कहानी भी है. जिसके चलते यहां पर कोई भी जाना पसंद नहीं करता है. इतना ही नहीं सरकार की ओर से तो यहां जाने पर लोगों का प्रतिबंध है.
कहा जाता है कि कई हजार साल पहले इस आयरलैंड पर प्लेग के मरीजों को लाकर छोड़ दिया गया, जिसकी वो वहां पर ही मर जाएं. वहीं, जिन लोगों की मृत्यु हो जाती थी उन्हें यहीं पर दफना दिया जाता था. इसके अलावा कहा ये भी जाता है कि इस आइलैंड पर प्लेग के मरीजों की संख्या बहुत अधिक हो चुकी थी, जिसके चलते इस आइलैंड पर करीब एक लाख 60 हजार लोग जिंदा जला दिए गए थे, इसके बाद से इस जगह को भूतिया आयरलैंड भी कहा जाने लगा था.
वो बात अलग है कि साल 1922 में यहां पर एक मेंटल हॉस्पिटल भी बनवाया गया था, लेकिन कुछ सालों बाद इसे बंद कर दिया गया. जिसके पीछे का कारण ये भी कहा जाता है कि हॉस्पिटल के डॉक्टरों से लेकर नर्स और मरीजों तक इस आइलैंड पर बहुत सारी असामान्य चीजें दिखाई देने लगी थी. इस अस्पताल के बंद हो जाने के बाद से ये आइलैंड वीरान पड़ा रहा.
वहीं, बाद में इस आइलैंड को सरकार ने साल 1960 में एक शख्स को बेच दिया. ऐसा कहा जाता है कि असामान्य घटनाओं के दौरान वो शख्स इस आइलैंड पर अपने परिवार के साथ कुछ दिनों तक यहां पर रहा, लेकिन बाद में वो भी इसे छोड़कर चला गया.
उसके बाद से ये आयरलैंड खाली पड़ा हुआ है, यहां पर कोई भी नहीं रहता है. इतना ही नहीं कहा ये भी जाता है कि यहां पर मछुआरे तक मछली पकड़ने के लिए नहीं जाते हैं. बहुत बार तो उन्हें जाल में मरे हुए इंसानों की हड्डियां मिली, जिसकी वजह से ये भी वहां जाने से डरते हैं.