दुनियाभर में कई एक से बढ़कर एक नजारें हैं, जिन्हें कई बार आंखे केवल निहारना ही चाहती हैं और कई तो ऐसे भी नजारे होते हैं जो काफी हैरान कर देने वाले होते हैं. कई इमारते, किले, कोई प्राचीन मंदिर या फिर जलकुंड ये भी उन में से एक ही हैं. जो देखने में जीतने अनोखे होते हैं उतने ही रहस्यमय से भरे हुए होते हैं, अगर बात करें जलकुंड की तो दुनिया में कई ऐसे भी जलकुंड हैं जिनके रहस्य जानकर हैरान होने में कोई दोहराए की बात नहीं है.
वहीं, आज हम आपको भारत के ही एक ऐसे जलकुंड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके रहस्य और अनसुलझे राज के बारे में जानकर आप हैरत में पड़ सकते हैं. तो आइए आपको इस रहस्यमय जलकुंड के बारे में विस्तार से बताते हैं…
ताली बजाते ही कुंड से पानी ऊपर
दरअसल, हम जिस रहस्यमय जलकुंड की बात कर रहे हैं वो झारखंड के बोकारो जिल में स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि यहां के जलकुंड के सामने अगर ताली बजाई जाती है तो पानी अपने आप ऊपर उठने लगता है. जिसे देखकर आपको ऐसा लगेगा मानों किसी बर्तन में पानी का उबाल आ रहा हो. आज तक इस रहस्य का पता कोई भू-वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाया है.
कुंड का एक और रहस्य अनसुलझा
आपको बता दें कि इस जलकुंड को दलाही कुंड(dalahi kund) के नाम से भी जाना जाता है. ये कुंड कंक्रीट की दीवारों से घिरा हुआ है. ताली बजाकर पानी ऊपर आने के अलावा इस कुंड का एक और रहस्य ये है कि कुंड का जल गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म निकलता है, इसके बारे में भी अभी तक कोई वैज्ञानिक पता नहीं लगा सका है.
कुंड को लेकर लोगों में मान्यता
दलाही कुंड को लेकर लोगों की ये मान्यता है कि इस कुंड में नहाने वाले चर्म रोगियों का ये रोग दूर हो जाता है. जिसके चलते इस कुंड में नहाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. वहीं, भू-वैज्ञानिकों के अनुसार इस कुंड में नहाने से अगर चर्म रोग दूर होता है तो इसका मतलब ये है कि इस कुंड के पानी में गंधक और हीलियम गैस मिली हुई है.
मकर संक्रांति पर लगता है मेला
हर साल मकर संक्रांति के मौक पर यहां मेला लगता है. इस दौरान दूर-दूर से लोग कुंड में नहाने आते हैं. इस कुंड के पास ही दलाही गोसाईं नामक देवता का स्थान है और हर रविवार को पूजा करने के लिए श्रद्धालु आते हैं.