साल 1995 की एक रात को चीन के बीजिंग शहर में कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी दहशत पूरे शहर में फैल गई थी। उसे अगर आज भी याद किया जाए तो रोंगटे खड़े हो जाएंगे। एक ऐसी घटना घटने का तब के समय से दावा किया जाता रहा है, जिसके कारण देर रात लोग बसों में आज भी सफर करने से डर जाते हैं। करीब दो दशक से भी ज्यादा का वक्त बीत चुका है और तब से ही रूट 375 की भुतहा बस की स्टोरी सुनाई जाती रही है। स्टोरी में कितनी सच्चाई है ये तो कहा नहीं जा सकता है, लेकिन बीजिंग की वेबसाइट्स के साथ ही कई अंग्रेजी वेबसाइट्स पर स्टोरी काफी ज्यादा वायरल होती रही है। क्या है ये रहस्यों से भरी स्टोरी आइए जानते है इसके बारे में…
रहस्यों से भरी ये घटना है साल 1995 के 14 नवंबर की। जब सर्द रात में एक बूढ़ा शख्स और एक युवा बीजिंग के रूट 375 की आखिरी बस का वेट कर रहे थे। दोनों के बीच आम सी बातें हो रही थी और ठंड के कारण सड़क पूरी तरह से सुनसान पड़ी हुई थी। जाहिर है नवंबर का महीना था तो हल्के कोहरे से सड़क ढक गई थी। वक्त जब 11 बजे का हुआ तो रूट की आखिरी बस दिख गई। इसके बाद आगे जो हुआ वो बेहद दिल्चस्प है।
बस स्टॉप पर रुकी, बूढ़ा शख्स और वो युवा बस में चढ़े। ये बस पूरी तरह से खाली होती है। इस बस में ड्राइवर और एक लेडी कंडक्टर को छोड़ कोई और होता ही नहीं है। लड़का आगे ड्राइवर की सीट की तरफ बैठा तो वहीं बूढ़ा शख्स बीच में बैठा। बस चल पड़ी।
…जब तीन लोगों ने रोकी बस
बस कुछ दूर ही चली कि एकाएक रुक गई और बूढ़े शख्स को तीन लोगों की छाया खिड़की से दिखी। ये तीनों बस पर चढ़ गए। रोशनी कम थी तो तीनो के चेहरे नहीं देख पा रहा था। बूढ़े शख्स ने देखा कि दो लोग अपने बीच किसी एक को सहारा दे रहे हैं जिसका सिर नीचे झुका है। उनको लगा कि शायद बीच वाला व्यक्ति नशे में है। बस चल पड़ी और बस में शांति फैल गई।
आगे हुआ ये कि चलती बस में बूढ़े शख्स ने आगे बैठे हुए युवा के पास जाकर बहस करने लगा। ये वही लड़का था जो स्टॉप पर उसके साथ था। बूढ़े शख्स ने ऐसी बदतमीजी की कि लड़का गुस्से से भर गया और हाथापाई भी होने लगी। ऐसे में ड्राइवर बस रोककर दोनों को बीच रास्ते उतारकर चला गया। दोनों को उतारने के बाद बूढ़ा शख्स शांत हो गया तो लड़का उससे पूछने लगा कि बेमतल झगड़ा करने की वजह पूछी? तो उन्होंने कहा कि बेटा मैंने झगड़ता नहीं हूं। मैंने तो तुम्हारी जान बचाई है। लड़के को कुछ नहीं समझ आया। बूढ़े शख्स ने आगे कहा कि जिन तीन लोगों को तुमने बस पर चढ़ते देखा था उनके तो पैर ही नहीं थे और वो हवा में तैर रहे थे। लड़के की तो रूह ही कांप गई ये सुनकर।
पुलिस को दी सूचना तो आखिर क्या हुआ?
पास के ही पुलिस स्टेशन तक दोनों पैदल पहुंचे और अपने साथ की हुई घटना के बारे में बताया। पुलिसवाले तो दोनों को पागल ही समझ बैठे। फिर दोनों चुपचाप अपने अपने घर को निकल गए। अगले दिन के अखबार में जो खबर छपती है उससे पुलिस वालों के होश ही उड़ जाते हैं। दरअसल, इस रूट पर जिस कंपनी की बस चलती है उसकी ओर से दावा किया गया कि बस ड्राइवर-कंडक्टर समेत गायब हो गई। ऐसे में पुलिस आनन-फानन में बूढ़े शख्स और लड़के को खोजने निकल गई, जो देर रात उनके पास आए थे। दोनों मीडिया को अपनी स्टोरी बताते ही है कि अगले ही दिन बस के बारे में पता चल जाता है।
फिर यहां मिली थी बस…
पुलिस को अगले दिन एक बस एक्सिडेंट के बारे में जानकारी मिली। ये वहीं बस थी जिसके बारे में बूढ़े शख्स और लड़के ने बताया था। बस को पानी से निकाला गया, जिसका हालत खौफनाक हो चुकी थी। बस में ड्राइवर और कंडक्टर के शव मिलते हैं और तीन बुरी तरह से सड़ चुके शव भी मिलते है। साइंटिफिक टीम तब भौंचक्की रह जाती है जब उसे ये पता चलता है कि 48 घंटे में ही कोई लाश इतनी नहीं सड़ सकती है तो वहीं ड्राइवर और कंडक्टर के शव ठीक-ठाक थे। ऐसे में सवाल ये उठ जाता है कि क्या वे तीन शरीर सच में भूत ही थे?
इतना ही नहीं दावे तो ऐसे भी किए जाते है कि बस की जांच जब पुलिस ने की तो उसके फ्यूल टैंक में खून भरा था डीजल नहीं। ऐसा देख पुलिस डिपार्टमेंट के होश उड़ गए। उन्हें बूढ़े शख्स और लड़के ने स्टोरी पर विश्वास भी होने लगा था। सबसे खौफनाक तो ये है कि आखिरी स्टॉप से 100 किलोमीटर आगे एक शहर है जिंग शान जिसके पास की एक नदी में बस मिली थी। तो वहीं रिपोर्ट कहती है कि बस में इतना डीजल ही नहीं था कि 100 किलोमीटर की दूरी तय कर सके।