चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में अपना भयंकर कहर बरपाया। इस जानलेवा वायरस ने दुनियाभर के लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त करके रख दिया। अब ज्यादातर देश कोरोना से उभरने लगे हैं। कई देशों में कोरोना की वैक्सीन मिलनी शुरू हो गई और आम जनजीवन पटरी पर लौटने लगा।
भारत में भी कोरोना वायरस का भयंकर साया छाया। देश में एक करोड़ से भी ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आए, जबकि लाख से ऊपर लोगों की मौत हो गई। लेकिन अब देश में दो-दो कोरोना वैक्सीन लगाने का काम भी जारी है, जिसके चलते लोगों को उम्मीद है कि देश जल्द ही महामारी से उबर जाएगा।
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भरतपुर की शारदा देवी का अजब मामला
भारत कोरोना वायरस को अब मात देता हुआ नजर आ रहा है। लेकिन इसी बीच कोरोना का एक ऐसा हैरान कर देने वाला सामने आया है, जो आपको भी चौंका कर रख देगा। राजस्थान की एक महिला को पिछले 5 महीनों ने कोरोना ने जकड़ा हुआ है। जी हां, राजस्थान के भरतपुर में रह रही शारदा देवी की लगातार 32वीं रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। उनके इस मामले ने डॉक्टरों की भी हैरत में डाल दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक शारदा देवी 4 सितंबर 2020 को पहली बार कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं। फिर उनका टेस्ट हुआ और रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसा करते करते बीते 5 महीनों में उनकी 32 रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शारदा देवी के माता पिता इस दुनिया में नहीं हैं। वहीं उनके ससुरालवालों ने भी उन्हें घर से निकाल दिया। जिसके बाद वो ‘अपना घर’ आश्रम में रखा गया। लेकिन इसी दौरान उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।
नहीं कोई कोरोना का लक्षण लेकिन…
कोरोना से संक्रमित होने के बाद स्थानीय डॉक्टरों ने शारदा देवी का इलाज किया। उनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिखना बंद हो गए और वो धीरे धीरे स्वस्थ हो गई। सितंबर मध्य से ही शारदा देवी में कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं दिखा। लेकिन इसके बावजूद बार-बार उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है।
बड़ी बात तो ये भी है कि शारदा देवी ने सिर्फ केवल ऐलोपेथिक से ही नहीं इलाज नहीं किया गया, बल्कि उन्हें होम्योपेथिक और आयुर्वेदिक पद्वति से भी किया गया। इस दौरान उनका वजन भी 6 किलो तक बढ़ गया, लेकिन वायरस ने उनके शरीर का पीछा नहीं छोड़ा और वो अब तक आइसोलेशन में हैं।
ये हो सकती है वजह…
एक मीडिया रिपोर्ट में इस मामले पर डॉक्टर के हवाले से कहा गया है कि केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार अगर कोरोना से संक्रमित किसी शख्स में 10 दिनों तक लक्षण नहीं दिखते, तो ऐसा मान लिया जाता है कि वो वायरस से उबर गया। लेकिन कुछ केस में ऐसा हो जाता है कि डेड वायरस एलीमेंट्री कैनल में फंस जाए तो रिपोर्ट पॉजिटिव आती रहती है। हालांकि वो व्यक्ति किसी दूसरे को संक्रमित नहीं कर सकता।