दुनिया में ऐसे बहुत से शहर है जो अपनी किसी न किसी खासियत के कारण प्रसिद्ध है। लेकिन क्या आप ये सोचते है कि कोई ऐसा भी शहर हो सकता है जो अपनी बुरी यादों के लिए मशहूर होगा। जी हां, एक ऐसा शहर, जहां केवल विधवाए रहती है। जहां एक ही दिन में पूरा कब्रिस्तान भर गया था। जहां महीनों बीत जाने के बाद भी मातम पसरा हुआ है। जहां आज भी किसी तरह के जश्न से पहले लोग अपनों को याद करके आंसू बहाते है।
जी हां एक ऐसा ही शहर है अफगानिस्तान में। अफगानिस्तान के नंगरहार नाम की जगह पर एक साल पहले शुक्रवार को नमाज के वक्त एक मस्जिद के अंदर धमाका हुआ। धमाके में नमाज पढ़ रहे 64 लोगों की मौत हो गई थी। चारो तरफ केवल लाशे ही लाशे थी, बच्चों और महिलाओं की चीख पुकार थी। इस आतंकी हमले में 34 महिलाओं ने अपने पतियों को खो दिया था। देखते ही देखते पूरा कब्रिस्तान कब्र से भर गया था। घाटी में एक साथ 34 महिलाओं के विधवा हो जाने के कारण इस घाटी को विधवाओं की घाटी कहा जाने लगा।
इस धमाके को एक साल हो गया है, लेकिन इस हमले में मारे गए लोगों का गम उनके परिवार वाले भुला नहीं पा रहे है। यहां आज भी आतंकी हमले का खौफ इतना ज्यादा है कि अब नमाज पढ़ने के लिए लोग अकेले नहीं जाते है। मस्जिद में सुरक्षाबलों की निगरानी में लोग नमाज पढ़ते है। यहां तक कि किसी शादी समारोह में भी सुरक्षा दी जाती है। ताकि एक साल पहले की घटना फिर से न दोहराई जाए।
एक साल हो जाने के बाद भी आज तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली। कोई नही जानता है कि मस्जिद में नमाज पढ़ रहे लोगो को निशाना क्यों बनाया गया, और किसने ऐसी नापाक हरकत की। हमले में मारे गए लोगों के परिवार वाले किसी भी तरह का जश्न मनाने से डरते है। वो अपनो को याद करके आंसू बहाते है। ये एक साल किसी बुरे सपने से कम नहीं है। महिलाओं में आज भी अपने पतियों को खो देने का दर्द साफ नजर आता है। एक साथ इतनी महिलाओं के विधवा होने से पड़े इस घाटी के नाम को सुनकर भी लोगो की रूंह कांप जाती है। ये घाटी आज भी पूरी तरह से विरान है। और ये कोई नहीं जानता कि इनकी विरान जिंदगी कब तक ऐसे ही चलती रहेगी।