Man Eat Coins: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारवीं में स्थित रेनबो अस्पताल में डॉक्टरों ने एक युवक के पेट से 33 सिक्के निकाले। यह मामला 31 जनवरी का है, जब युवक को उसके परिजन पेट में तेज दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल लेकर पहुंचे। जांच के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि युवक के पेट में कई सिक्के फंसे हुए हैं।
डॉक्टरों की जांच में हुआ बड़ा खुलासा- Man Eat Coins
अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने युवक की अलग-अलग जांचें कीं, जिसमें एक्स-रे और एंडोस्कोपी भी शामिल थे। इन जांचों के बाद यह स्पष्ट हुआ कि युवक के पेट में कई सिक्के जमा हो चुके हैं।
रेनबो अस्पताल के डॉक्टर अंकुश ने बताया कि मरीज के पेट में कुल 300 रुपये की कीमत के 33 सिक्के पाए गए। इनमें –
- 2 रुपये के 5 सिक्के
- 10 रुपये के 27 सिक्के
- 20 रुपये का 1 सिक्का शामिल था।
तीन फरवरी को हुआ ऑपरेशन
डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज के एब्डोमिनल स्कैन में यह पाया गया कि सिक्कों का कुल वजन 247 ग्राम था। इसके बाद डॉक्टरों ने तीन फरवरी को ऑपरेशन करने का फैसला किया। ऑपरेशन सफल रहा और डॉक्टरों ने सभी सिक्के निकाल लिए।
डॉक्टरों ने बताया कि यदि ऑपरेशन में देर होती, तो यह युवक के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता था। सिक्कों के कारण पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव पड़ सकता था और आंतों में गंभीर नुकसान हो सकता था।
सिजोफ्रेनिया से पीड़ित है युवक
डॉक्टर अंकुश ने बताया कि युवक सिजोफ्रेनिया नाम की मानसिक बीमारी से पीड़ित है। इस बीमारी में मरीज असामान्य रूप से सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने लगता है।
सिजोफ्रेनिया के कारण कुछ मरीज अजीबोगरीब हरकतें करने लगते हैं, जिसमें धातु या अन्य अनावश्यक चीजों को निगलना भी शामिल हो सकता है। इसी वजह से यह युवक सिक्के निगलता जा रहा था और उसकी यह आदत उसके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बन गई।
युवक की हालत अब स्थिर, डॉक्टरों ने दी सलाह
ऑपरेशन के बाद युवक की स्थिति स्थिर है और उसे अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों ने परिजनों को सतर्क रहने और मानसिक रोग विशेषज्ञ से नियमित परामर्श लेने की सलाह दी है।
यह मामला मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े गंभीर मुद्दों को उजागर करता है और यह दिखाता है कि सिजोफ्रेनिया जैसी बीमारियों के मरीजों को विशेष देखभाल और चिकित्सा की जरूरत होती है।
घुमारवीं के इस चौंकाने वाले मामले में डॉक्टरों ने सही समय पर जांच और सर्जरी करके युवक की जान बचाई। यह घटना मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाने की भी जरूरत को दर्शाती है। यदि आपके आसपास कोई व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ लगता है, तो उसे समय पर उचित चिकित्सा सहायता दिलाना बेहद जरूरी है।
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