दुनिया में एक से बढ़कर एक बेहतरीन होटल हैं, जो देखने में जितना अच्छा और सुंदर होता है उसके दाम भी उतने ही ज्यादा होते हैं, इसलिए तो ऐसे आलीशान होटलों में रहने भी हर किसी के लिए मामूली बात नहीं है. आम आदमी के लिए तो बहुत ही मुश्किल होता है कि वो ऐसे खूबसूरत होटल्स में रह सकें. वहीं आज हम आपको एक ऐसे होटल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें अमीर व्यक्ति जा तो सकता है लेकिन जाता नहीं है, तो आइए आपको बताते हैं ऐसा क्या है उस दस हजार कमरे वाले होटल में जहां कोई जाना ही नहीं चाहता है…
हम जिस होटल की बात कर रहें हैं वो पिछले कई सालों से गेस्ट न आने की वजह से खंडर में तब्दील हो चुका है. इस होटल के कमरे आज भी खाली पड़े हैं, ये अपने मेहमानों का इंतजार कर रहा है. बता दें कि ये होटल जर्मनी के बाल्टिक सागर के आइलैंड पर स्थित है, जिसमें 10,000 बेडरूम हैं. अब आपके मन जरूर ये प्रसन्न आ रहा होगा कि ये इतना बड़ा होटल आखिर क्यों वीरान पड़ हुआ है और यहां कोई रूकने क्यों नहीं आता है.
आपको बता दें कि इस 10 हजार कमरे वाले होटल को लेकर ये कहा जाता है कि कहा जाता है कि ये नाजी शासन के दौरान साल 1936 से 1939 के बीच में बनवाया गया था. इसे बनाने में 3 साल लगे थे, जिसे 9 हजार लेबरफोर्स ने मिलकर तैयार किया था. अगर बात की जाए इस होटल की खासियत की तो इसमें एक जैसी आठ बिल्डिंगें बनाई गई थीं, इनमें से सभी बिल्डिंग की लंबाई 4.5 किलोमीटर है.
सूत्रों का कहना है कि जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर इस जगह पर पहले घुमावदार सी रिसॉर्ट बनाने की इच्छा रखी थी. वो चाहते थे कि एक ऐसा सी रिसॉर्ट हो जो दुनिया का सबसे बड़ा रिसॉर्ट कहलाए. जिसे लेकर उन्होंने हर तरह की योजना भी बनानी शुरू कर दी थी, लेकिन इससे पहले वो अपनी इस योजना पर कायम करते दूसरा वर्ल्ड वॉर शुरू हो गया था.
अगर बात की जाए इस होटल की खूबसूरती की तो इतना पुराना और वीराना होने के बाद भी इसकी बिल्डिंग बहुत खूबसूरत है. हलांकि इस बिल्डिंग के कुछ ही ब्लॉक ठिक हैं बाकि सभी ब्लॉक्स तो खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसके एक ब्लॉक में साल 2011 में चार सौ बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया गया है.