शिव की भूमि कहलाए जाने वाले कैलाश पर्वत को भारतीय और चीन के लोग काफी पूजनीय मानते है. हिमालय में स्थित सबसे रहस्यमय पर्वत कैलाश पर्वत है. जिसके बारे में आज भी कई रहस्य हैं, जिसका पता कोई भी नहीं कर सका है. सदियों से कैलाश पर्वत दुनिया के आकर्षण का केंद्र रहे हैं, इन पर कई वैज्ञानिक इसका रिसर्च तक कर रहे हैं. वहीं आज हम आपको कैलाश पर्वत के ऐसे रहस्य बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप भी हैरान रह जाएंगे, तो आइए आपको बताते हैं…
धरती का केंद्र
धरती के एक तरफ उत्तरी ध्रुव है तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय और हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत। वैज्ञानिकों के अनुसार यह धरती का केंद्र है। कैलाश पर्वत दुनिया के 4 मुख्य धर्मों- हिन्दू, जैन, बौद्ध और सिख धर्म का केंद्र है।
पिरामिड नुमा आकार
आपको बता दें कि एक विशालकाय पिरामिड कैलाश पर्वत है, जो सौ छोटे पिरामिडों का केंद्र है. इसकी संरचना कम्पास के चार दिक् बिंदुओं के समान है, जो एकांत जगह पर स्थित है, जिस जगह कोई भी बड़ा पर्वत नहीं है.
शिखर पर नहीं चढ़ सका कोई
ये तो आप जानते ही होंगे कि माउंट एवरेस्ट पर कई लोग कामयाबी हासिल कर चुके है लेकिन शायद आपको इस बात की जानकारी न हो कि आज तक कोई भी ऐसा शख्स नहीं है जो कैलाश पर्वत के शिखर पर चढ़ा हो.
पर्वत के पास रोशनी का चमकना
इस बात का दावा किया जाता है कि कैलाश पर्वत पर कई बार सात तरह की लाइटें आकाश में चमकती हुई नजर आई हैं. जिसे जानकर नासा भी हैरान है और उसका मानना है कि शायद ऐसा यहां के चुम्बकीय बल की वजह से होता है. हो सकता है कि यहां का चुम्बकीय बल आकाश से मिलकर बहुत बार इस तरह की चीजों का निर्माण करता हो.
सभी नदियों का उद्गम स्थान
कैलाश पर्वत की चारों दिशाओं से चार नदी ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलुज और करनाली का उद्गम हुआ है, जिनमें से गंगा, सरस्वती के साथ-साथ चीन की अन्य नदियां भी निकली हैं. बता दें कि कैलाश की चारों दिशाओं में तरह-तरह के जानवरों का मुख हैं- उत्तर में सिंह का मुख है, दक्षिण में मोर का मुख है,पूर्व में अश्वमुख है और पश्चिम में हाथी का मुख है, इनमें से नदियों का उद्गम होता है.