दुनिया में सबसे खतरनाक और आदमखोर जानवरों की श्रेणी में शेर,चीता, बाघ और मगरमच्छ शामिल है. विश्व में हुए सबसे घातक हमले की बात करें तो यह हमला मगरमच्छों का इंसानों पर था. जिसमें राम द्वीप के दलदल में फंस जापान के 500 से अधिक सैनिकों को मगरमच्छ जिंदा चबा गए थे. यह इतिहास का सबसे खूनी जानवर हमला था. इसमें लगभग 100 से अधिक मगरमच्छों ने अंधेरे में दलदल पार कर रहे सैनिकों पर हमला कर दिया था.
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युद्ध के दौरान घटी थी घटना
यह दर्दनाक घटना 79 साल पहले घटित हुई थी. जब ब्रिटिश सेना म्यांमार और वर्मा में दूसरे विश्व युद्ध के चलते लड़ रही थी. युद्ध के दौरान ब्रिटिश सैनिकों ने तकरीबन 1000 दुश्मन जापानी जवानों को दलदल से पटे हुए मैंग्रोव जंगल में पीछे की ओर धकेल दिया था. दोनो सेनाओं की लड़ाई के बीच एक तीसरे दुश्मन ने जापानी सेना पर घातक हमला कर दिया, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी न था.
500 से ज्यादा सैनिक बनें मगरमच्छ का निवाला
ब्रूस स्टेनली राइट ने दावा किया है कि वह इस घटना के वक्त मौजूद थे. उन्होंने बताया की लड़ाई के बीच बंदूकों की आवाज और बह रहे खून की गंध पहले से मगरमच्छों के नाक तक पहुंच गई थी. करीब 100 से अधिक मगरमच्छ दलदल में सैनिकों की राह देख रहे थे. साथ ही उन्होंने कहा कि ज्वार के उतार के साथ भूखे मगरमच्छों ने घायल, मृत और सलामत सैनिकों को अपना निवाला बनाना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि सटीक अनुमान तो नही लेकिन 500 से अधिक सैनिक कभी उस दलदल से बाहर न आ सके.
घटना गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
राइट ने बताया की वह सैनिकों के लिए एक भयानक रात थी. मगरमच्छों के अचानक हुए हमले में चारो तरफ चीख पुकार की आवाज और सैनिकों के बंदूक की गूंज मानो यह लग रहा था कि यह नरक से आवाज आ रही है. इस दावे के मुताबिक केवल 20 सैनिक ही दलदल से बाहर सुरक्षित आ सके. इसे इतिहास का सबसे बड़ा जानवरों द्वारा किया गया नरसंहार माना जाता है. इसलिए इसको गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है.
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