Ajab-Gajab news: भारत में कई ऐसी रहस्यमयी घटनाएं और स्थान हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इनमें से एक है राजस्थान के जैसलमेर जिले का कुलधरा गांव, जिसे भूतिया और श्रापित माना जाता है। इस गांव की कहानी इतनी विचित्र है कि यह आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कुलधरा गांव के खंडहर आज भी उस रहस्य की गवाही देते हैं, जिसने इसे वीरान और श्रापित बना दिया।
कुलधरा गांव का रहस्य- Ajab-Gajab news
कुलधरा गांव कभी पालीवाल ब्राह्मणों का एक समृद्ध गांव था, लेकिन आज यह वीरान पड़ा है और लोग इसे भूतिया स्थान मानते हैं। कहा जाता है कि यह गांव लगभग 200 साल पहले रातोंरात खाली हो गया था, और उसके बाद से इस गांव में कोई नहीं बस सका। 1825 में इस गांव को छोड़ने के बाद से यह जगह श्रापित मानी जाती है, और यहां पर अक्सर अजीब घटनाओं का होना बताया जाता है।
कुलधरा गांव में आज भी पुराने घरों के खंडहर खड़े हैं, जो उस समय की समृद्धि की कहानी सुनाते हैं। गांव के लोग बताते हैं कि इस स्थान पर अब भी अजीब घटनाएं घटती हैं, जिनकी वजह से लोग इस क्षेत्र में जाने से डरते हैं।
कुलधरा गांव की समृद्धि और श्राप
कुलधरा गांव का इतिहास बहुत पुराना है। पालीवाल ब्राह्मणों ने 11वीं शताब्दी में इस गांव की स्थापना की थी, और यह गांव उस समय समृद्ध था। इस गांव में ब्राह्मणों के साथ-साथ कृषि, व्यापार और पशुपालन भी किया जाता था। गांव के लोग बहुत ही संपन्न थे, और यहां बड़ी-बड़ी हवेलियां और खूबसूरत घर हुआ करते थे।
लेकिन, अचानक इस गांव के हालात बदले और इसने अपनी समृद्धि खो दी। यह घटना 1825 के आस-पास हुई थी, जब रियासत के दीवान सालेम सिंह की नजर गांव की एक ब्राह्मण लड़की, शक्ति मैया, पर पड़ी। सालेम सिंह ने लड़की से शादी करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन लड़की के परिवार ने इसका विरोध किया और उसने किसी अन्य जाति में विवाह करने का फैसला किया।
सालेम सिंह ने इसके बाद गांव वालों को धमकी दी कि अगर उन्होंने शक्ति मैया से शादी नहीं करवाई, तो वह गांव को तहस नहस कर देगा। इसके बाद गांव के पालीवाल ब्राह्मणों ने एक पंचायत बुलाई और फैसला लिया कि वे गांव छोड़ देंगे। वे रातों-रात इस गांव को छोड़कर चले गए और जाते समय उन्होंने यह श्राप दिया कि जो भी इस गांव में बसने की कोशिश करेगा, वह पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा।
कुलधरा गांव की और भी मान्यताएं
कुलधरा गांव को छोड़ने की वजह को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। एक मान्यता के अनुसार, गांव वालों ने सालेम सिंह द्वारा लगाए गए भारी करों से परेशान होकर गांव छोड़ने का फैसला लिया। दूसरी मान्यता यह है कि गांव के जलस्तर के गिरने और सूखे की वजह से ब्राह्मणों ने इस जगह को छोड़ दिया।
कई लोग मानते हैं कि इस गांव के स्थानिक ऊर्जा के कारण भी यह जगह शापित हो गई है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो, जलवायु परिवर्तन और सूखे के कारण इस गांव के लोग वहां रहना असंभव समझने लगे थे।
कुलधरा का आज का हाल
आज भी कुलधरा गांव एक रहस्य बना हुआ है। इसका जर्जर हो चुका ढांचा और खंडहर यह प्रमाणित करते हैं कि यहां कभी एक समृद्ध और खुशहाल गांव था। इसके आसपास के लोग अब भी इसे भूतिया मानते हैं और डरते हैं कि कहीं यह श्राप सच न हो जाए।
कुलधरा गांव की कहानी आज भी लोगों के बीच दिलचस्प विषय बन चुकी है। कई लोग इस गांव में घूमने जाते हैं, लेकिन कोई भी रात में इस गांव में रुकने की हिम्मत नहीं करता। यह गांव अब एक पर्यटक स्थल बन चुका है, लेकिन साथ ही यह भारतीय इतिहास और रहस्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
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