देश में कोरोना वैक्सीनेशन का महाअभियान जोरों-शोरों पर चल रहा है। भारत कोरोना वैक्सीन की डोज लगाने के मामले में सबसे आगे हैं। जहां अमेरिका में अब तक 30 करोड़ 25 लाख से ज्यादा डोज लगाई दई हैं, तो वहीं भारत अब तक 30 करोड़ 27 लाख से अधिक वैक्सीन की डोज लगा चुका है।
देश को जल्द मिलेगी पांचवीं वैक्सीन?
देश में चल रहे इस वैक्सीनेशन अभियान को और तेज करने की कोशिशें लगातार जारी है। इस सिलसिले में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन लाने का काम भी जारी है। अब तक देश में चार कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी हैं। इसमें भारत में बनाई जा रही कोविशील्ड, कोवैक्सीन तो पहले से ही शामिल है। वहीं महीनों पहले ही रूसी वैक्सीन स्पूतनिक वी को भी मंजूरी दे दी थीं। इसके अलावा हाल ही में DCGI ने बीते दिनों अमेरिकी कंपनी मॉर्डना की वैक्सीन को भी इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूवल दे दिया।
इमरजेंसी इस्तेमाल की मांगी मंजूरी
इसके बाद अब एक और वैक्सीन देश में जल्द आने की उम्मीद जगी है। दरअसल, जायडस कैडिला ने अपनी कोरोना वैक्सीन जायकोव-डी के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए DCGI से मंजूरी मांगी है। ये वैक्सीन भी कोवैक्सीन की तरह पूरी तरह मेड इन इंडिया होगी। खास बात है कि ये टीका 12 से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना का टीका लगाया जा सकेगा।
तीसरे चरण का ट्रायल पूरा
जायडस कैडिला कंपनी ने दावा किया है कि उसने अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल भी पूरा कर लिया। थर्ड फेज के ट्रायल में कंपनी ने 28 हजार लोगों को शामिल किया था। जिसमें से 1000 लोग 12 से 18 एज ग्रुप के भी शामिल थे। जब देश में कोरोना की सेकेंड वेव अपने चरम पर थी, तब कंपनी ने अपनी वैक्सीन के ट्रायल किए। कंपनी का कहना है कि उसकी वैक्सीन कोरोना के डेल्टा वेरिएंट पर भी असरदार है।
तीन डोज वाली होगी ये वैक्सीन
देश में कोविशील्ड, कोवैक्सीन समेत जितनी भी वैक्सीन आई है, वो सभी डबल डोज यानी दो डोज वाली है। वहीं कुछ कंपनियां सिंगल डोज वैक्सीन भी तैयार कर चुकी है, जिसमें जॉनसन एंड जॉनसन और स्पुतनिक लाइट शामिल है।
वहीं जायडस कैडिला का टीका सबसे अलग इसलिए होगी क्योंकि ये ट्रिपल डोज वाली वैक्सीन होगी। जिसकी दूसरी डोज 28वें और तीसरी डोज 56वें दिन पर लगाई जाएगीं।
वहीं ये दुनिया की इकलौती DNA-प्लाज्मिड वैक्सीन है। शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ये वैक्सीन जेनेटिक मटेरियल का यूज करती है। जैसे फाइजर और मॉर्डना की वैक्सीन इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए mRNA का इस्तेमाल करती है, उसी तरह ये वैक्सीन प्लाज्मिड-DNA से ऐसा करती है।
अगर DCGI की तरफ से वैक्सीन को मंजूरी दे देती है, तो ये काफी राहत की बात होगी। खासतौर पर 12-18 वाले उस एज ग्रुप के लिए जो कोरोना से बचाव के लिए अभी वैक्सीन के इंतेजार में हैं। देश में अब तक जितने भी टीके आए, सभी 18+ वालों के लिए ही है। क्योंकि देश पर अभी तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है, इसलिए इस एज ग्रुप को भी जल्द से जल्द वैक्सीनेट करने की जरूरत है।