गुजरात के बड़े पाटीदार नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) का गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat assembly election) से ठीक पहले Congress का हाथ यू छोड़ जाना देश में राजनीति सरगर्मियों को तेज कर दिया है। हार्दिक पटेल ने कांग्रेस छोड़ने की जानकारी एक ट्वीट कर के दी, जिसमें उन्होंने लिखा – ”आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊँगा।”
गुजरात में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने है और ऐसी स्थिति में गुजरात के बड़े पाटीदार युवा नेता हार्दिक पटेल का पार्टी छोड़ना कांग्रेस की गुजरात विधानसभा के चुनाव (Gujraat assembly election) जीतने की उम्मीदों पर तगड़ा झटका है। आपको बता दें कि ख़ुद राहुल गांधी ने एक युवा पाटीदार नेता के तौर पर हार्दिक पटेल को कांग्रेस जॉइन करवाई थी। कांग्रेस (Congress) ने पटेल को साल 2020 में गुजरात के कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया था। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि हार्दिक पटेल गुजरात के विधानसभा चुनाव से पहले BJP या AAP पार्टी ज्वाइन कर सकते है। हार्दिक ने हाल में ही BJP की तारीफ की थी , जिसको लेकर ज्यादा चांस है कि कहीं हार्दिक BJP को अपनी अगली राजनीतिक पार्टी बनाएं।
हार्दिक के कांग्रेस छोड़ने की वजह
हार्दिक पटेल बहुत दिनों से अपनी पार्टी कांग्रेस से खासा नाराज चल रहे थे जब उनसे पार्टी में रहा नहीं जा सका तब जाकर हार्दिक ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी एक चिट्ठी में कहा- “मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़ता है कि आज गुजरात में हर कोई जानता है कि किस प्रकार कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जानबूझकर गुजरात की जनता के मुद्दों को कमजोर किया है और इसके बदले में स्वयं बड़े आर्थिक फायदे उठाये हैं। राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है परंतु कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का इस प्रकार बिक जाना प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है। ”
हार्दिक ने चिट्ठी में आगे लिखा- राजनीति में सक्रिय हर व्यक्ति का धर्म होता है कि जनता के लिए कार्य करता रहे, लेकिन अफसोस की बात है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात की जनता के लिए कुछ अच्छा करना ही नहीं चाहती। इसीलिए जब मैं गुजरात के लिए कुछ करना चाहता था तो पार्टी ने सिर्फ मेरा तिरस्कार ही किया। मैंने सोचा नहीं था कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व हमारे प्रदेश, हमारे समाज और विशेष तौर पर युवाओं के लिए इस प्रकार का द्वेष अपने मन में रखता है।
हार्दिक का जाना गुजरात चुनाव में कांग्रेस की कहीं शामत ना ला दें
देश की राजनीति में अभी कांग्रेस की क्या स्थिति है , ये किसी से छिपी नहीं है। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से 2022 के उत्तर प्रदेश के चुनाव तक कांग्रेस BJP के हाथों चारों खाने चित हुई है और कहीं कहीं तो रीजनल पार्टी के द्वारा भी। हाल में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जो फजीहत हुई है , वो जग जाहिर है। एक राजस्थान को छोड़ दें तो कहीं एक ज़माने में पूरे देश की सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस का आस्तिव कहीं नहीं मिलेगा। हालांकि गुजरात में कांग्रेस की स्थिति बाकि अन्य राज्यों के मुक़ाबले ठीक थी लेकिन चुनाव से ठीक पहले हार्दिक का कांग्रेस छोड़ कर जाना कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है क्योंकि हार्दिक की पकड़ गुजरात के पाटीदार वोटरों पर अच्छी-खासी है और वो गुजरात में उभरते हुए युवा नेता के रूप में बहुत प्रसिद्ध है। गुजरात चुनाव में पाटीदार समुदाय के वोटों चुनाव के नतीजों पर खासा असर डालते हैं , जिस लिहाज़ से गुजरात में सरकार बनाने का कांग्रेस का सपना धूमिल होता दिख रहा है।
अगर हार्दिक BJP में जाते है तो BJP की आगामी गुजरात विधानसभा चुनाव में पकड़ पहले से और मजबूत हो जाएगी। इधर कांग्रेस हार्दिक पटेल के पार्टी छोड़ने के डैमेज कण्ट्रोल में लगी है। कांग्रेस पाटीदार समुदाय के एक और बड़े नेता नरेश लेउआ पटेल को गुजरात चुनाव से पहले पार्टी में शामिल करने की जद्दोजहत में लग गई है क्योंकि गुजरात में नरेश पटेल, हार्दिक पटेल से बड़े पाटीदार नेता माने जाते है। गुजरात में पाटीदार समुदाय की अच्छी खासी आबादी है और गुजरात की 35 से अधिक सीटों पर उनका प्रभाव है, जिसका परिणाम चुनाव नतीजों में नजर आता है।
आपको बता दें, 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव(Gujraat assembly election) में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। अंत-अंत तक पता नहीं चल पा रहा था कि 2017 में गुजरात में किस पार्टी की सरकार बनेगी, इधर एग्जिट पोल्स कह रहे थे कि एंटी इनकम्बैंसी के कारण कांग्रेस अपना सालों का सूखा खत्म करके गुजरात की सत्ता में एंट्री लेगी लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं हुआ। BJP ने कांग्रेस को करारी शिकस्त देते हुए 99 सीटें जीत कर अपनी सरकार बना ली। कांग्रेस को 77 सीटों के साथ संतोष कर विपक्ष में बैठना पड़ा। गुजरात में BJP 1995 से सत्ता में है, जिसमें 2002 से 2012 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। गुजरात में विधानसभा की 198 सीटें हैं।
कई युवा नेता कांग्रेस छोड़ चुके हैं
अपनी ही पार्टी कांग्रेस की कार्यप्रणाली शैली और आंतरिक मतभेद के कारण हार्दिक पटेल से पहले भी कई युवा नेता कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं , जिससे पार्टी को समय-समय पर तगड़ा झटका लग चुका है। आपको बता दें, हाई-प्रोफाइल युवा नेता जैसे आरपीएन सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद ने हाल में ही कांग्रेस छोड़ी हैं। ये सभी राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे और राहुल की टीम के खास सदस्यों में से एक माने जाते थे। इसके अलावा ललितेश त्रिपाठी, अदिति सिंह, इमरान मसूद, अमरिंदर सिंह जैसे बड़े नाम कांग्रेस पार्टी से रुक्सत हो चुके हैं।