यूपी के चर्चित आईएएस अधिकारी और वर्तमान में योगी के सलाहकार अविनाश अवस्थी की मुश्किलें इन दिनों कम होती नजर नहीं आ रही हैं। पिछले दिनों मीडिया में एक खबर फैली जिसमें कहा जा रहा था कि उत्तर प्रदेश के एक पूर्व आईएएस के उत्तराखंड स्थित घर से 50 करोड़ की चोरी हो गई। हालांकि इस मामले में सीधे तौर पर आईएएस का नाम कोई नहीं लेता दिखा, लेकिन आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने बेखौफ होकर इस मामले में अविनाश अवस्थी का नाम लेकर सियासी हलचल मचा दी। इस चोरी की चर्चा के बीच अविनाश अवस्थी ने ट्वीट कर कहा कि वह उन पर आरोप लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, लेकिन इस बंगले की चोरी की शिकायत प्रधानमंत्री से भी की गई है।
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क्या था मामला?
अवनीश अवस्थी की एक्स पर पोस्ट के अनुसार, “मैंने देखा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ और ‘यूट्यूब’ पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें मुझ पर कई झूठे आरोप लगाए गए हैं। मैं इन गलत दावों का कड़ा विरोध करता हूं। मैं यह बताना चाहता हूं कि इस घटना में शामिल सभी पक्षों को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अपने पेशे की शुरुआत से ही मैं अपने काम के प्रति समर्पित रहा हूं। चूंकि मेरा 37 साल का सिविल सेवा करियर बेदाग रहा है, इसलिए मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर प्रयास किए जा रहे हैं। तथ्यों से परे, बिना किसी विश्वसनीय स्रोत के फैलाए गए ऐसे हानिकारक प्रयास और अफवाहें गलत हैं। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
अखिलेश के ट्वीट से मचा बवाल
जानकारी के अनुसार, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट के बाद यह मामला सामने आया। इसी बीच राजनीतिक कार्यकर्ता और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अधिकारी का खुलकर नाम लेते हुए एक पोस्ट किया, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। अमिताभ ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट कर लिखा कि हाल ही में उत्तराखंड के भीमताल में यूपी के पूर्व नौकरशाह और वर्तमान में यूपी सरकार के सलाहकार के बंगले से 50 करोड़ की कथित चोरी की खबर आई है। इसके लिए मैंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर इन तथ्यों से अवगत कराया है और सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पोस्ट कर मांगी माफी
अमिताभ की इस पोस्ट के बाद राजनीतिक चर्चा और तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा उन पर लगाए गए इस तरह के बेबुनियाद आरोपों की कड़ी निंदा की है और उन्हें नोटिस जारी करने की धमकी दी है। वहीं, अवनीश अवस्थी के नोटिस के बाद अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी ने अवनीश अवस्थी से बिना शर्त माफी मांगी है। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्होंने अपनी पिछली पोस्ट डिलीट कर दी है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में घोटाला
इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोगी अवनीश अवस्थी का नाम पूर्वांचल एक्सप्रेसवे घोटाले में सामने आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस घोटाले के बारे में शिकायत मिली है, जिसमें दावा किया गया है कि इस हाईवे प्रोजेक्ट में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है। खबरों में बताया गया है कि पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में गड़बड़ी के दावे पहले भी किए जा चुके हैं। इस बार जांच में 535 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया है। अवस्थी के निर्देश पर कई वित्तीय गड़बड़ियां की गई हैं। इस घोटाले को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों और उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
लीजिए साहब! @AwasthiAwanishK पर एक और तोहमत! @Editor_SanjayS के @4pmnews_network अख़बार ने बड़ा खुलासा कर दिया! @Amitabhthakur ने जाँच की माँग की!
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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे में 535 करोड़ रुपए की अनियमितता का आरोप, जांच की मांग… pic.twitter.com/NOPx8wMWg3
— Yashwant Singh (@yashbhadas) September 28, 2024
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में 535 करोड़ की अनियमितता की जांच हो: अमिताभ
वहीं, आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के हवाले से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने एक्सप्रेसवे के निर्माण में बड़ी वित्तीय अनियमितताएं की हैं। ठेकेदारों को गलत तरीके से भुगतान किया गया और परियोजना की लागत में भी धोखाधड़ी की गई। इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए अमिताभ ठाकुर ने प्रधानमंत्री से इस मामले की जांच के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है।
ठाकुर ने ऑडिट रिपोर्ट का दिया हवाला
ऑडिट रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि हाईवे प्रोजेक्ट के छह क्षेत्रों में 10.4 करोड़ रुपये का भुगतान गलत तरीके से किया गया। इसके अलावा, कुछ अन्य मामलों में 438.8 करोड़ रुपये का भुगतान अनियमित तरीके से किया गया। ऑडिट में कुल मिलाकर 535 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय उल्लंघन पाए गए हैं। इस मामले में राज्य प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में इतनी वित्तीय अनियमितता कैसे हो सकती है। इस तरह की पहल में अनियमितताओं की खबरें पहले भी कई बार सामने आ चुकी हैं।
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