उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कोरोना काल में टीवी के विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च किए। इसका खुलासा एक RTI में हुआ। जिसके मुताबिक अप्रैल 2020 से लेकर मार्च 2021 तक यूपी सरकार ने 160.31 करोड़ रुपये खर्च किए। जिसमें से 88.68 करोड़ नेशनल न्यूज चैनलों को दिए। वहीं लोकल चैनल को 71.63 करोड़ रुपये दिए गए।
इन चैनलों को दिए गए सबसे ज्यादा पैसे
योगी सरकार ने एडम के लिए सबसे ज्यादा 28.82 करोड़ रुपये नेटवर्क 18 ग्रुप को दिए गए। जिसमें CNA न्यूज18, न्यूज18 इंडिया, न्यूज18 यूपी-उत्तराखंड चैनल आते है। इसके बाद जी मीडिया ग्रुप को 23.48 करोड़, एबीपी ग्रुप को 18.19 करोड़ और इंडिया टुडे ग्रुप को 10.64 करोड़ की राशि टीवी विज्ञापनों के लिए दी गई। इसके अलावा रिपब्लिक ग्रुप को 9.1 करोड़ रुपये विज्ञापनों के लिए दिए गए।
‘ये लोगों का पैसा है, जिसे…’
लखनऊ के उमाशंकर दुबे, जो दूरदर्शन न्यूज के पत्रकार हैं, उन्होंने RTI आवेदन दायर किया था, जिसके जवाब में ये बात निकलकर सामने आई। उन्होंने कहा कि वो यूपी सरकार के द्वारा कोरोना काल में विज्ञापन पर इतनी बड़ी राशि खर्च करने पर चकित हैं।
एक मीडिया समूह से उमाशंकर दुबे ने कहा कि ये पैसा लोगों का हैं, जिसका टैक्स के जरिए इकट्ठा किया गया। इसका गलत इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। कोरोना काल के दौरान अगर राहत कार्यों में इसका इस्तेमाल सरकार करती है, तो ये बड़ी उपलब्धि होती। लेकिन विज्ञापनों में इतनी बड़ी राशि खर्च करना कितना सही है?
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सरकार जो पैसे विज्ञापन पर खर्च करती है, वो कहीं ना कहीं टीवी चैनलों की रिपोर्टिंग पर भी असर डालता है। जिन चैनलों को विज्ञापन पैसे देते हैं, वो सरकार के खिलाफ रिपोर्टिंग में कहीं ना कहीं कतराते है।
सिर्फ योगी सरकार ही नहीं केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी विज्ञापनों पर खूब पैसा खर्च करती है। 2019-20 में मोदी सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर एड के लिए 317 करोड़ रुपये की बड़ी राशि खर्च की।