देश में अब लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 नहीं बल्कि 21 साल होगी। खबरों की मानें तो इस प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से भी मंजूरी दी जा चुकी है। दरअसल, बुधवार को कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई, जिसमें देश में सुधारों के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें से ही एक प्रस्ताव था लड़कियों की शादी की उम्र का।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसको लेकर ऐलान तो पहले ही कर चुके थे। स्वतंत्रता दिवस के दिन अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बताया था कि बेटियों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि उनकी शादी सही समय पर हो। सूत्रों के अनुसार कैबिनेट लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है। इस कानून के लागू होने पर सभी धर्मों और वर्गों में लड़कियों के विवाह की न्यूनतम उम्र बदल जाएगी।
दरअसल, लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र पर विचार के लिए एक टास्क फोर्स बनाई गई थी। इस टास्क फोर्स ने बीते साल दिसंबर में अपनी एक रिपोर्ट नीति आयोग को सौंपी। रिपोर्ट में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 21 साल करने और इसे समान रूप से देश में सभी वर्गों पर लागू करने की मजबूत सिफारिश की गई। जो टास्क फोर्स इसके लिए बनाई गई थी, उसका हिस्सा 10 सदस्य थे। इस टास्क फोर्स ने देश के जाने-माने स्कॉलर्स से लेकर कानूनी विशेषज्ञों और नागरिक संगठनों के नेताओं से परामर्श किया। साथ ही वेबिनार के माध्यम से देश में सीधे महिला प्रतिनिधियों से भी बातचीत की गई और फिर रिपोर्ट को तैयार किया गया। यूनिसेफ के मुताबिक हर साल देश में करीब 15 लाख लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हो जाती है।
इससे पहले लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र में आखिरी बार बदलाव साल 1978 में हुआ था। तब शारदा एक्ट 1929 में बदलाव कर शादी की न्यूनतम उम्र को 15 साल से बढ़ाकर 18 किया गया था। गौरतलब है कि पुरुषों की शादी की न्यूनतम उम्र पहले ही 21 साल है।