देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीन लगाने का काम शुरू होगा। इस दिन का इंतेजार हर कोई बेसब्री से कर रहा है। कोरोना महामारी से 2020 में बहुत परेशान किया। अब भारत इस कोरोना को हराने की इस जंग में एक कदम और आगे बढ़ गया। देश में एक साथ दो-दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल गई, जिसमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और कोविशील्ड शामिल है।
सबसे पहले 3 करोड़ कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन दी जाएगी, जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों समेत सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। इन सभी को वैक्सीन फ्री में लगाई जाएगी। इसके बाद ही आम लोगों को वैक्सीन मिल पाएगी। लेकिन इस दौरान एक सवाल ये भी है कि कौन सी वैक्सीन किसे लगाई जाएगी? क्या लोगों को अपनी मनपसंद वैक्सीन चुनने का मौका मिलेगा?
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जानिए क्या दिया अधिकारियों का जवाब?
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस सवाल का जवाब दिया। उन्होनें कहा कि दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां पर वैक्सीन के एक से अधिक टीकों को इस्तेमाल किया जा रहा हैं। लेकिन फिलहाल कहीं भी लोगों को अपनी पसंद की वैक्सीन चुनने का ऑप्शन नहीं दिया। इसलिए हम भी लोगों से यही अनुरोध करते हैं कि वो कोरोना के संबंध में उचित व्यवहार का पालन करें।’
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के बयान से ये साफ है कि लोगों को कौन-सी वैक्सीन लगवानी है, ये चुनने का विकल्प नहीं मिलेगा।
’28 दिनों का होगा अंतर’
बीते दिन हुई स्वास्थ्य मंत्रालय, नीति आयोग और ICMR की एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बताया गया कि वैक्सीन के दो टीकों के बीच 28 दिन का अंतर होगा। ऐसी पूरी उम्मीद है कि दूसरा टीका लगने के 14 दिन बाद वैक्सीन से शरीर को सुरक्षा मिल जाएगी। मंत्रालय की ओर से ब ताया कि जिस दिन किसी शख्स को वैक्सीन लगनी होगी, उससे एक दिन पहले उसको मैसेज के जरिए इसकी जानकारी दी जाएगी।
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बता दें कि वैक्सीन की पहली खेप विभिन्न राज्यों में पहुंच चुकी हैं। वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार द्वारा एक ऐप भी बनाया गया, जिसका नाम CoWin है। हालांकि ऐप आधिकारिक तौर पर लॉन्च नहीं हुई। अधिकारियों ने बताया कि ऐप पर एक करोड़ से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं।
अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि अगले 6 से 8 महीनों में हाई रिस्क वाले 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिल जाएगी। पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर बीमार 27 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का काम शुरू होगा।
‘दोनों वैक्सीन सुरक्षित’
गौरतलब है कि भारत में दो वैक्सीन को मंजूरी मिली, जिसमें भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवैक्सीन है। दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वैक्सीन कोविशील्ड जो मूल मूल रूप से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और Astra Zeneca की वैक्सीन है। मंजूरी दिए जाने के बाद इन वैक्सीन को लेकर काफी विवाद भी हुआ। दरअसल, वैक्सीन का ट्रायल डेटा जारी नहीं होने पर सवाल उठे। हालांकि नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी के पॉल ने साफ किया है कि दोनों वैक्सीन का हजारों लोगों पर ट्रायल हुआ। ये दोनों ही सुरक्षित हैं।
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