उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का सियासी रोमांच कम नहीं हो रहा। अब कहानी में एक और ट्विस्ट आ गया। यूपी में चाचा भतीजे की के नाम से मशहूर शिवपाल यादव और अखिलेश यादव की जोड़ी एक बार फिर से टूटती हुई नजर आ रही है। चुनाव में हार के बाद माना जा रहा है कि शिवपाल फिर से अखिलेश का साथ छोड़ सकते हैं।
शिवपाल यादव के BJP में जाने की खबरें सुर्खियों में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अपर्णा यादव के बाद शिवपाल, अखिलेश को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं। इस खबरों को तब और हवा मिल गई, जब शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।
शिवपाल की अखिलेश से तल्खी वैसे तो 6 साल पहले से चली आ रही है। जब सपा की बागडोर अखिलेश को मिली थीं, तब भी शिवपाल नाराज हो गए थे। हालांकि 2022 चुनावों में चाचा-भतीजे में दूरियां चुनाव के वक्त कम हुई और दोनों ने साथ आने का फैसला लिया। लेकिन अब कुछ ही समय में ऐसा क्या हो गया, जो शिवपाल एक बार फिर अखिलेश से दूर हो रहे हैं?
गठबंधन में सम्मान ना मिलना
शिवपाल यादव की नाराजगी की कई वजहें मानी जा रही हैं, जिसमें एक ये भी कि उन्हें गठबंधन में सम्मान नहीं मिला। दरअसल, मुलायम सिंह यादव के कहने पर शिवपाल भतीजे के साथ गठबंधन को तैयार हो गए। लेकिन अखिलेश यादव ने चुनाव में उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी और सपा के सिंबल पर ही उन्हें चुनाव लड़ने को मजबूर किया। कहा जा रहा है कि प्रसपा प्रमुख इससे काफी आहत हो गए। ऐसे में उनकी पार्टी प्रसपा के कई बड़े नेता साथ छोड़कर दूसरी पार्टियों में भी चले गए थे।
विधानमंडल दल की बैठक में नहीं बुलाने पर हुए नाराज
इसके साथ ही सपा विधानमंडल दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर भी शिवपाल को अपमान महसूस हुआ। इसके खिलाफ उन्होंने खुलकर मीडिया के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। शिवपाल ने कहा था कि वो 2 दिनों से बैठक के इंतजार में थे। सभी विधायकों को बुलाया गया, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई, जबकि वो सपा के सिंबल पर ही विधायक बने।
अखिलेश ने ठुकराई ये मांग
इसके अलावा खबरें तो ये भी आ रही हैं कि शिवपाल की नाराजगी की एक वजह अखिलेश द्वारा उनके ऑफर को ठुकरा देना भी है। मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि 24 मार्च को जब आखिरी बार अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की मुलाकात हुई थी, तो शिवपाल ने उनसे सपा संगठन में ही बड़ी भूमिका मांगी थी। अखिलेश ने इससे साफ तौर पर इनकार कर दिया और चाचा को अपनी पार्टी प्रसपा का जनाधार बढ़ाने की सलाह दी।
शिवपाल को राज्यसभा भेजेगी BJP?
शिवपाल के BJP में जाने की एक वजह मानी जा रही है कि उनके बेटे का राजनीतिक भविष्य। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि BJP शिवपाल यादव को राज्यसभा भेज सकती हैं। वहीं उनके बेटे आदित्य को उनकी सीट जसवंतनगर से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। दरअसल, माना जा रहा है कि शिवापल अपने बेटे का राजनीतिक भविष्य संरक्षित करना चाहते हैं। वैसे तो वो इस बार भी अपने बेटे आदित्य यादव को चुनाव लड़वाना चाहते थे, लेकिन अखिलेश ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। यही शिवपाल की BJP के साथ नजदीकियों की एक बड़ी वजह मानी जा रही है।
वैसे तो चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव में साल 2017 से ही तल्खी चली आ रही है। जब सपा की बागडोर अखिलेश के हाथों में चली गई। इसके बाद शिवपाल ने अपनी अलग ही पार्टी बना ली थी, जिसका नाम रखा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहियावादी)। हालांकि, प्रसपा के गठन से भी शिवपाल को कोई खास लाभ नहीं हुआ। जिसके बाद 2022 चुनावों के दौरान वो शिवपाल एक बार फिर अखिलेश के साथ आ गए थे।