यूपी के DGP मुकुल गोयल का पुलिस में सफर शुरुआत से ही विवादों से भरा रहा। तभी जिस पद पर वो नियुक्त किए जाते हैं, वहीं विवाद शुरू हो जाते हैं। जिसके कारण उनकी कार्यशैली पर सवाल उठते रहते हैं। ऐसा ही ताज़ा मामला फिर देखने को मिला, जहां DGP गोयल को पद से हटा दिया गया। महज 11 महीनों में ही उन्हें योगी सरकार ने इस पद से हटा दिया।
पद से हटाने की ये बताई गई वजह
मुकुल गोयल को DGP पद से हटाने की वजह ये मानी जा रही है कि वो विभागीय कार्यों में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे थे। इसके अलावा उनका शासकीय कार्यों की अवहेलना करने को लेकर उन्हें इस पद से हटा दिया गया। DGP पद से हटाकर उन्हें DG नागरिक सुरक्षा के पद पर नियुक्त कर दिया गया है। अब गोयल DG सिविल डिफेंस का काम देखेंगे।
11 महीने में ही पद से हटाया गया
गौरतलब है कि मुकुल गोयल ने पिछले साल ही DGP का कार्यभार संभाला था। अभी 11 महीने ही बीते है कि उन्हें अपने कार्यभार को गंभीरता से ना लेने के कारण इस पद से हाथ धोना पड़ा। इससे पहले भी वो विवादों के कारण सुर्खियां बटोरते रहे है।
विवादों से भरा रहा है मुकुल गोयल का सफर
बता दें कि पिछले साल पद संभालते ही यूपी के एक ज्वैलर ने अखबारों में बड़े-बड़े इश्तेहार देकर गोयल को बधाई दे डाली। उनके करीबियों के इस इश्तेहार के कारण विवाद की शुरुआत हुई, जिसकी वजह से मुकुल गोयल चर्चा का विषय बने। इसके बाद 5 सिंतबर 2021 को गोयल संगी-साथी के साथ हज़रतगंज थाने का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण करने के दौरान ही उन्होंने इंस्पेक्टर श्याम बाबू शुक्ला को तुरंत हटाने का निर्देश दे दिया था, गोयल ने इंस्पेक्टर शुक्ला को हटाने का निर्देश इसलिए दिया क्योंकि वो डेंगू से ग्रसित थे और अपना इलाज करा रहे थे। जिसके बाद इस मामले ने खूब तूल पकड़ा। मामला बढ़ते ही CM के पास पहुंचा, निगरानी में आते ही मुख्यमंत्री को निर्देश देना पड़ा कि मुख्यमंत्री कार्यालय या किसी भी बड़े अफसर को किसी भी मातहत को हटाने या पोस्ट करने का आदेश नहीं देना है।
वहीं किसान आंदोलन के दौरान हुआ लखीमपुर कांड तो आपको याद होगा ही। जब तिकुनिया में 3 अक्टूबर 2021 की दोपहर करीब तीन बजे काफी संख्या में गाड़ियां किसानों को रौंदतीं हुई चली गईं। इस घटना से हालात बेकाबू होता देख आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया, लेकिन मुकुल गोयल फिर भी वहां मोर्चा संभालने नहीं पहुंचे। जिसके बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार को खुद मोर्चा संभालना पड़ा। जिसको लेकर भी DGP मुकुल गोयल पर सवाल खड़े हुए।
वहीं यूपी विधानसभा चुनाव के बाद अपराधियों और माफियाओं के घर बुलडोजर चले। इस अभियान के दौरान भी उनकी ओर से किसी भी तरह की सक्रियता नहीं दिखाई गई। इसके अलावा एक और मामला सामने आया जब जिले के ज्वांइट कमिश्नर और पुलिस कमिश्नर के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ तो गोयल ने पुलिस कमिश्नर से सवाल-जवाब किए जिसके बाद ये मामला भी काफी गर्माया रहा। सोमवार और मंगलवार को मुकुल गोयल दिल्ली पहुंचे थे। बुधवार सुबह मुख्यमंत्री की बैठक में DGP के तौर पर गोयल शामिल हुए, इसके बावजूद देर शाम तक उन्हें DGP पद से हटाने के आदेश दे दिए गए। हालांकि इन सब विवादों से भरे सफर के बाद अब भी मुकुल गोयल का रवैया कैसा रहता है ये तो आना वाला समय ही बताएगा?