महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया था कि सुपर मार्केट और ग्रॉसरी स्टोर में शराब की बिक्री की अनुमति होगी। उद्धव ठाकरे की सरकार ने जब से ये फैसला किया है विपक्ष उन पर निशाने साधने लगा है तो वहीं आम लोग भी इस फैसले से नाराज हैं।
वहीं एक तरफ तो आम लोगों में गुस्सा है तो दूसरी तरफ कुछ लोग मानते हैं कि पारिवारिक लोगों और महिला ग्राहकों का आना दुकान में बंद हो सकता है इस फैसले के बाद। दूसरी तरफ फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट है वीरेन शाह जो मानते हैं कि मुंबई के व्यापारी संगठन महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले से खुश नजर आ रहे हैं. इससे उनका व्यापार बढ़ने की उम्मीद है.
राज्य के कौशल विकास मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान करने वाले फ्रूट बेस्ड शराब उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके इसके लिए यह फैसला किया गया है। सरकार के एक बयान में ये कहा गया कि सुपरमार्केट और आस-पड़ोस की दुकानों में एक अलग स्टॉल की व्यवस्था होगी। जिनका क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर या फिर उससे ज्यादा है और जो महाराष्ट्र की दुकान साथ ही प्रतिष्ठान कानून के अंतर्गत पंजीकृत हैं पर शराब की बिक्री की इजाजत पूजा स्थलों या फिर शैक्षणिक संस्थानों के पास के सुपरमार्केट में नहीं होगी। और तो और जिन जिलों में शराबबंदी है वहा पर शराब बेचने की अनुमति नहीं होगी।
दूसरी ओर बीजेपी नेता और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इस फैसले की खूब आलोचना की है और कहा कि “हम महाराष्ट्र को ‘मद्य-राष्ट्र’ नहीं बनने देंगे.” उन्होंने कहा कि महामारी के दो साल के दौरान महा विकास आघाड़ी सरकार ने लोगों की मदद नहीं की पर इसकी प्राथमिकता शराब बेचे जाने को आगे बढ़ाया।