लोकसभा चुनाव 2024 से पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। इस इस्तीफे को लेकर बीजेपी की काफी आलोचना हो रही है और ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष’ चुनाव की पारदर्शिता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। चुनाव आयुक्त अरुण गोयल चार साल से चुनाव आयोग में कार्यरत थे। आखिर चुनाव सदन में ऐसा क्या हुआ कि अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया? जानिए अंदर की कहानी।
बंगाल यात्रा पर गए थे गोयल
4-5 मार्च को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और गोयल चुनावी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे। यात्रा से पहले गोयल ने खराब तबीयत की शिकायत की थी। इन सब के बावजूद गोयल ने 4 मार्च को विभिन्न संगठनों के साथ चुनाव आयोग की बैठक में भाग लिया। इस दौरन उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई जिसके कारण वह 5 मार्च को दोपहर 12 बजे कोलकाता में चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हो सके।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद गोयल और अन्य अधिकारी दिल्ली लौट आये। ये सभी विस्तारा एयरलाइन यूके-778 से कोलकाता से लौटे थे। 5 मार्च को दोपहर करीब 3:25 बजे यह फ्लाइट कोलकाता से रवाना हुई। 6 मार्च को, गोयल अपने कार्यस्थल निर्वाचन सदन पहुंचे, लेकिन उस दिन कोई महत्वपूर्ण बैठक निर्धारित नहीं थी। अगले दिन, 7 मार्च को गोयल और सीईसी कुमार ने विदेशी मीडिया को संबोधित किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह बातचीत ऑफ-कैमरा हुई।
8 मार्च को भेज दिया इस्तीफा
8 मार्च को गोयल को चुनाव आयोग के गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक में शामिल होना था। इस बैठक में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती को लेकर चर्चा होनी थी, जो चुनाव के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण कार्य है। लेकिन इस बैठक से पहले ही गोयल ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा भेज दिया। हालांकि, इस्तीफे की कॉपी भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को नहीं भेजी गई और न ही इसकी जानकारी दी गई।
इस्तीफे के बाद नहीं दिया कोई बयान
एक तरफ जहां गोयल 8 मार्च को पूरे दिन ऑफिस से दूर रहे। वहीं, दूसरी ओर उन्होंने गृह सचिव के साथ सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का मामला मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और रेलवे के अधिकारियों के जिम्मे ही छोड़ दिया। गोयल के इस्तीफे को राष्ट्रपति मुर्मू ने 9 मार्च को स्वीकार कर लिया। इस्तीफे के बाद कई मीडिया चैनल गोयल का बयान लेने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फिलहाल गोयल टिप्पणी करने से बचते नजर आ रहे हैं।
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नए पदों पर नियुक्तियां 15 मार्च तक पूरी कर ली जाएंगी
अब प्रशासन 15 मार्च तक चुनाव आयोग में आयुक्तों के खाली पदों को भरने की कोशिश में जुटा है। अब तक केवल एक चुनाव आयुक्त की ही बहाली हुई है। उच्च स्तरीय सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 6-7 अधिकारियों का एक पैनल पहले ही तैयार हो चुका है।