बदलते वक्त के साथ बच्चों का खेल खेलने का तरीका भी बदल गया। जहां आज से कुछ साल पहले तक बच्चे बाहर जाकर खेल खेलना पसंद करते थे। वहीं आजकल के बच्चों को फोन, कंप्यूटर पर वीडियो गेम खेलना ज्यादा पसंद होता है। कई बच्चों को वीडियो गेम खेलते खेलते इसकी लत लग जाती है और वो घंटों तक इसमें अपना समय बिताते है। वहीं कोरोना काल में ये समस्या और बढ़ गई। स्कूल बंद थे, बच्चे बाहर नहीं जा सकते थे…ऐसे में वो ज्यादा समय वीडियो गेम पर बिताने लगे।
बच्चों की मौत का कारण बन रहा Free Fire Game
लेकिन कुछ वीडियो गेम ऐसे भी होते हैं, जिनकी लत लगना बच्चों को बहुत भारी पड़ जाती है। ऐसा ही एक वीडियो गेम है Free Fire Game नाम से। ये गेम कई बच्चों की मौत का कारण तक बन रहा है। दरअसल, इस गेम की जाल में कुछ बच्चे इस तरह फंस जाते है कि वो अपनी जान तक दे देते हैं।
एमपी में 13 साल के बच्चे ने दी जान
ऐसा एक मामला मध्य प्रदेश से सामने आया। यहां 13 साल के एक बच्चे ने इस गेम की वजह से अपनी जान दी। मध्यप्रदेश के छतरपुर में मासूम ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। दरअसल, इस बच्चे ने अपनी मां के अकाउंट से 40 हजार रुपये निकाले थे, जिसे उसने फ्री फायर गेम में गंवा दिए। इस वजह से मासूम ने मौत को गले लगा लिया।
फ्री फायर गेम की वजह से मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है। जनवरी में भी एमपी के सागर से ऐसा ही मामला सामने आया था। जब 12 साल के एक बच्चे ने गेम खेलने के लिए मोबाइल फोन ना देने पर आत्महत्या कर ली। बच्चे को फ्री फायर गेम की लत थी, जब माता पिता ने गेम खेलने से मना किया और फोन नहीं दिया, तो उसने तौलिये से लटककर अपनी जान दे दी।
पहले भी कई गेम बन चुके हैं मौत की वजह
फ्री फायर ऐसा पहला वीडियो गेम नहीं, जिसकी वजह से बच्चों की जान जा रही हो। इससे पहले भी ऐसे कई गेम आ चुके है, जो लोगों की मौत का कारण बने। ब्लू वेल तो आपको याद होगा ही। 2017 में ये गेम काफी सुर्खियों में था। इस गेम की वजह से 100 से भी ज्यादा बच्चों की जान गई।
बच्चों की हरकतों पर नजर रखें पैरेंट्स
वहीं पबजी जैसे गेम भी आजकल बच्चों में काफी मशहूर है। बच्चों को खेलते खेलते इसकी लत लग जाती है, जो कई बार खतरनाक भी साबित होती है। इसलिए पैरेंट्स को अपने बच्चों पर नजर रखना बेहद जरूरी है।
ऐसे में बच्चों के बर्ताव में अगर बदलाव दिखें। वो अपना पूरा दिन गेम के इर्द-गिर्द बिताएं, तो पैरेंट्स को सावधान होने की जरूरत है। अगर गेम खेलने से रोकने पर बच्चे गुस्सा कर रहे है, असामान्य बर्ताव कर रहे हैं, तब भी पैरेंट्स सतर्क हो जाएं। बच्चों के साथ समय बिताएं और उनकी हरकतों पर नजर रखें