जयपुर के राज घराने से ताल्लुक रखने वाली राजकुमारी और राजसमंद से BJP सांसद दिया कुमारी (Diya Kumari) ने दुनिया के सात अजूबों में से एक ताजमहल (Taj Mahal) को लेकर पर अपने राजघराने की मिल्कियत होने का दावा ठोक कर नए विवाद को हवा दे दी। इसके बाद से ही हर जगह राजकुमारी (Diya Kumari) के नाम की चर्चा हो रही है। आपको बता दें , जयपुर के राजघराने ने दावा किया है कि ताजमहल (Taj Mahal) उनकी प्रॉपर्टी है। राजकुमारी और BJP सांसद दीया कुमारी ने कहा कि जहां ताजमहल है, पहले उस जगह पर हमारा महल था। ये अच्छी बात है कि किसी ने ताजमहल के दरवाजे खोलने को लेकर अपील की है, इससे सच सामने आएगा। हम भी अभी मामले को एग्जामिन कर रहे हैं।
दीया कुमारी के मुताबिक उनके पास ऐसे-ऐसे डॉक्यूमेंट्स मौजूद हैं, जो बताते हैं कि पहले ताजमहल जयपुर के पुराने राजपरिवार का पैलेस हुआ करता था, जिस पर शाहजहां ने कब्जा कर लिया। जब शाहजहां ने जयपुर परिवार का वो पैलेस और जमीन ली तो परिवार उसका विरोध नहीं कर सका, क्योंकि तब उसका शासन था। अयोध्या मंदिर के दौरान राम के वंशज को लेकर जब मुद्दा उठा तब भी जयपुर राजघराने की ओर से पुरजोर दावा किया गया था कि वो राम के वंशज हैं। इसके लिए वो कोर्ट में भी गवाही देने को तैयार हैं। राम के वंशज होने पर राजकुमारी दिया ने उस वक़्त कई बार सार्वजानिक रूप से अपने बयान दिए थे। दिया ये बयान उस वक़्त काफी सुर्ख़ियों में छाया था।
ताजमहल विवाद में याचिका दायर हुई है
दीया सिंह के इस दावे ने जोर इसलिए पकड़ा क्योंकि ताज महल से जुड़ा मामला इस वक्त Allahabad High court की लखनऊ बेंच में है। इसपर आज 12 मई को भी सुनवाई होनी है। दरअसल, BJP नेता डॉक्टर रजनीश सिंह ने कोर्ट में एक याचिका दायर की हुई है, इसमें कहा गया है कि ताजमहल के 22 कमरे ऐसे हैं जो काफी लंबे वक्त से बंद है। याचिकाकर्ता रजनीश सिंह का कहना है कि ताजमहल में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख हो सकते हैं, जो इसके मंदिर होने के दावे पर प्रकाश डाल सकते है।
याचिका दायर पर राजकुमारी और सांसद दीया कुमारी ने दो टूक कहा है कि ‘मैं यह तो नहीं कहूंगी कि ताजमहल को तोड़ देना चाहिए, लेकिन उसके कमरे खोले जाने चाहिए। ताजमहल में कुछ कमरे बंद हैं। कुछ पार्ट वहां लंबे वक्त से सील हैं। उस पर निश्चित तौर पर इन्क्वायरी होनी चाहिए और उसे खोलना चाहिए, जिससे यह पता चले कि वहां क्या था, क्या नहीं था। वो सारे फैक्ट्स तभी एस्टेबलिश होंगे, जब एक बार उसकी सही तरीके से इन्क्वायरी होगी।’
आपको बता दें दिया के ताजमहल पर दावे से पहले भी कई बार ताजमहल को लेकर दावे हो चुके हैं। 1965 में इतिहासकार पीएन ओक ने अपनी किताब में दावा किया कि ताजमहल एक शिव मंदिर है। फिर 2015 में आगरा के सिविल कोर्ट में ताजमहल को तेजो-महालय मंदिर घोषित करने की याचिका दाखिल हुई। यहां तक कि BJP सांसद विनय कटियार 2017 में UP के CM योगी आदित्यनाथ से ताजमहल को तेजो-महल घोषित करने की मांग रखी थी।
कौन है राजकुमारी दिया कुमारी?
दीया कुमारी का संबंध जयपुर राजघराने से हैं। मान सिंह जो मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में शामिल थे, ये उनका राजघराना था। इसे पहले आमेर और बाद में जयपुर के नाम से जाना गया। महाराज सवाई भवानी सिंह की राजकुमारी दिया कुमारी इकलौती संतान थी। दिया के माता का नाम पद्मिनी देवी है। इनकी उम्र 51 साल है। भवानी सिंह के कोई बेटा नहीं था, इसलिए दीया कुमारी के बेटे को ही 2011 में अपना वारिस घोषित कर दिया था। दीया कुमारी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली और जयपुर से की। उसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए लंदन चली गई थी।
राजकुमारी दिया की शादी बहुत चर्चा में रही थी क्योंकि इन्होंने एक ऐसे व्यक्ति से गुपचुप तरीके से कोर्ट में लव मैरिज की थी, जो राज घराने से ताल्लुक नहीं रखता था और ना ही इनके गौत्र का था। दीया कुमारी के पति का नाम नरेंद्र सिंह था। इन दोनों की मुलाकात Maharaja Sawai Man Singh II Museum में हुई थी, तब नरेंद्र ग्रैजुएशन के बाद संग्रहालय ट्रस्ट में ट्रेनिंग के लिए आया करते थे। दिया कुमारी और नरेंद्र सिंह ने रिश्ते में सब कुछ ठीक नहीं चल पाने के कारण शादी के 21 साल बाद 2018 में आपसी रजामंदी से तलाक ले लिया। दीया और नरेंद्र के तीन बच्चे हैं, इसमें बड़े बेटे का नाम पद्मनाभ और छोटे बेटे का नाम लक्ष्यराज सिंह है। इनकी एक बेटी भी है, जिसका नाम गौरवी है। दीया के पिता भवानी सिंह का निधन 2011 में हो गया था फिर गद्दी के वारिस के तौर पर दिया कुमारी के बड़े बेटे पद्मनाभ सिंह का राजतिलक हुआ।
राजघराने से राजनीति तक का सफर
दीया कुमारी ने अपनी दादी राजमाता गायत्री देवी के नक्शे-कदम पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा। राजकुमारी दिया कुमारी ने 10 September 2013 को BJP ज्वॉइन की। दीया पहले सवाई माधोपुर से विधायक बनीं फिर 2019 में BJP की ही ओर से राजसमंद से लोकसभा का चुनाव लड़ा और 5,519,16 वोटों से जीत दर्ज कर पहली बार सांसद बनी। दिया कुमारी राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बाद BJP के लिए एक मजबूत और लोकप्रिय चेहरा है। BJP दिया कुमारी में अपना एक मजबूत महिला नेता देखती है। ये अपनी हाजिरजवाबी के लिए भी राजनीति में काफी प्रसिद्ध है। ये अपने भाषणों से विरोधियों का मुंह बंद कर देती है।
वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान दीया कुमारी भाजपा विधायक थी, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनकी बिल्कुल भी पटरी नहीं बैठती थी। वसुंधरा राजे से बड़ी अनबन के बाद राज्य सरकार ने राज परिवार की होटल राजमहल पैलेस के तीनों गेट बंद करके ताले लगा दिए थे। जिसके बाद सरकार और राज परिवार के बीच काफी खींचतान हुई। राजपूत समाज दीया कुमारी के समर्थन में सड़कों पर उतर गया और वसुंधरा राजे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।